Friday, April 19, 2024
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राज्य सभा चुनाव की उलटी गिनती : पार्टियों को सत्ता रहा है हॉर्स ट्रेडिंग और क्रॉस वोटिंग का डर

 

अंज़रुल बारी

चार राज्यों की 16 राज्यसभा सीटों के लिए कल चुनाव होने हैं, लेकिन सभी पार्टियां हॉर्स ट्रेडिंग और क्रॉस वोटिंग की सम्भावना से डरी हुई है. कोई भी पार्टी दावे के साथ यह कहने की हालत में नहीं है कि उसके उम्मीदवार जीत रहे हैं. दरअसल 15 राज्यों से 57 राज्यसभा सदस्य चुने जाने वाले हैं. इनमे से 41 सदस्य निर्विरोध चुने जा चुके हैं. अब 16 सदस्यों के लिए चुनाव होने हैं. ये चुनाव हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान और कर्नाटक में होने हैं. लेकिन सभी पार्टियों को हॉर्स ट्रेडिंग और क्रॉस वोटिंग का भय सत्ता रहा है. उम्मीदवार जोड़ तोड़ में जुटे हैं तो पार्टियां अपने विधायकों को होटलों और रिसॉर्ट्स में बंद किये हुए हैं. लोकतंत्र का यह खेल लुभाता भी है और भरमाता भी है.
महाराष्ट्र में राज्यसभा की छह सीटों पर चुनाव है, जिनमें कांग्रेस और राकांपा के पास एक-एक सीट जीतने के लिए पर्याप्त संख्या है, जबकि बीजेपी के पास दो सीटें जीतने के लिए पर्याप्त विधायक हैं. शिवसेना के पास एक उम्मीदवार को राज्यसभा भेजने के लिए पर्याप्त संख्या है. हालांकि, उसे अपने दूसरे उम्मीदवार का चुनाव सुनिश्चित करने के लिए अपने सहयोगियों और अन्य निर्दलीय उम्मीदवारों से 30 और वोटों की आवश्यकता है.
वही बीजेपी अपने बूते दो सीट जीत सकती है. कांग्रेस, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी एक-एक सीट अपने बूते जीत सकती हैं. साथ ही महाविकास अघाडी (एमवीए) में शामिल तीनों दलों के पास एक अन्य सीट जीतने के लिए अतिरिक्त वोट होंगे. शिवसेना अपनी दूसरी सीट जीतने के लिए इन्हीं वोटों पर निर्भर है.
राजस्थान की चार सीटों के लिए सीधी फाइट है. कांग्रेस से तीन उम्मीदवार मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला और प्रमोद तिवारी मैदान में हैं. तीनों उम्मीदवारों के लिए 123 विधायकों के वोट जरूरी हैं. बदले हालात में अगर तीन विधायकों के वोट भी इधर-उधर हो गए तो कांग्रेस के तीसरे उम्मीदवार की हार हो सकती है. कांग्रेस के पास खुद के 108 विधायक हैं. एक आरएलडी के सुभाष गर्ग हैं. 13 निर्दलीय, दो सीपीएम और दो बीटीपी विधायकों को मिलाकर कांग्रेस के पास 126 विधायकों के समर्थन का दावा है. वहीं बीजेपी के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा भी मैदान में हैं. चंद्रा को 11 वोटों की जरूरत होगी. चंद्रा को बीजेपी के 30 सरप्लस और आरएलपी के तीन विधायको के वोट मिल सकते हैं.
हरियाणा में दो सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव होना है. कार्तिकेय शर्मा ने यहां मुकाबला दिलचस्प बना दिया है. शर्मा को बीजेपी का समर्थन भी मिला हुआ है. उन्हें जीतने के लिए 31 वोट चाहिए. वो कांग्रेस के अजय माकन के लिए चुनौती बन गए हैं. वहीं माकन के लिए जीत तभी संभव है जब 31 कांग्रेस विधायकों में से कम से कम 30 विधायको के वोट उन्हें मिलें. वहीं चर्चा ये हो रही है कि पार्टी के तीन विधायकों ने अपने सभी ऑप्शन खुले रखे हैं. ऐसे में बारगेनिंग और क्रॉसवोटिंग की पूरी संभावना बन रही है. इधर कार्तिकेय के दुष्यंत चौटाला की जेजेपी के 10 विधायकों और बीजेपी के 10 बचे विधायकों के वोट मिलने की पूरी संभावना है.
कर्नाटक में चार सीटों पर राज्यसभा चुनाव होना है. पहले माना जा रहा था कि यहां आसानी से चारों उम्मीदवारों को जीत मिल जाएगी. लेकिन कांग्रेस ने प्रदेश महासचिव मंसूर अली को अपना दूसरा उम्मीदवार बनाकर पेंच फंसा दिया. इसके बाद बीजेपी ने भी मौजूदा एमएलसी लहर सिंह को अपना तीसरा उम्मीदवार बनाया है. 224 सीटों वाली कर्नाटक विधानसभा में एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए 45 विधायक चाहिए. कांग्रेस के पास 70 विधायक हैं, लेकिन पार्टी ने जयराम रमेश और मंसूर अली खान को मैदान में उतारा है.
कांग्रेस को दूसरी सीट के लिए 20 और वोट चाहिए. बीजेपी के पास 121 विधायक हैं. पार्टी ने निर्मला सीतारमण, कन्नड़ फिल्म अभिनेता जग्गेश और लहर सिंह को उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में बीजेपी को 14 अतिरिक्त वोट चाहिए. जेडीएस के पास 32 विधायक हैं. जेडीएस ने डी कुपेंद्र रेड्डी को मैदान में उतारा है. रेड्डी को 13 और विधायकों को समर्थन चाहिए.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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