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रडार पर झारखंड सरकार

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रडार पर झारखंड सरकार

जबसे पिछले चुनाव में झामुमो की अगुवाई में झारखंड में गठबंधन की सरकार बनी है,बीजेपी उसे पचा नहीं पा रही है. कई बार वहाँ ऑपरेशन लोटस चलाया गया, असफल हुआ. लेकिन इस बार तो खेल लगभग पूरा हो गया था, लेकिन अभी बच गया है. झारखंड सरकार अब रडार पर है. बीजेपी हेमंत सरकार को बर्दास्त नहीं कर पा रही है. पिछले महीने के आखिरी सप्ताह में झारखंड के तीन कांग्रेस विधायकों की गाड़ी से बंगाल में रुपये की बरामदगी के बाद प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई है. मिले पैसे के बारे में संतोष जनक उत्‍तर नहीं मिलने के बाद तीनों विधायकों को बंगाल पुलिस ने जेल भेज दिया है, वहीं कांग्रेस नेतृत्‍व ने तीनों विधायकों को पार्टी से निलंबित कर दिया है.

मिले रुपयों को लेकर कयास लगाया ही जा रहा था कि कांग्रेस के बेरमो विधायक अनूप कुमार सिंह उर्फ जयमंगल सिंह ने इसे सरकार गिराने की साजिश का ऐंगल देते हुए सब को चौंका दिया. 31 जुलाई को रांची के अरगोड़ा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराकर उन्‍होंने कहा है कि उन्‍हें भी दस करोड़ रुपये और सरकार बदलने पर मंत्री पद का ऑफर इरफान अंसारी, विक्‍सल कोंगाड़ी और राजेश कच्‍छप ने फोनकर के दिया था. मुझे कोलकाता बुला रहे हैं कि कोलकाता आयें और सरकार को अपदस्‍थ करने में मदद करें. जितने विधायक लायेंगे सब को दस-दस करोड़ रुपये देने का वादा कर रहे हैं.

इरफान और कच्‍छप ने कहा कि वो पहले कोलकाता आयें वहां से उन्‍हें गुवाहाटी ले जाकर असम के मुख्‍यमंत्री से मिलवायेंगे, वही पैसे के अतिरिक्‍त मंत्री पद का वादा करेंगे. इरफान ने कहा कि मुझे स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री का वादा कर चुके हैं. मगर मैं इस असंवैधानिक, गैर कानूनी और आपराधिक कृत्‍य का हिस्‍सा बनना नहीं चाहता. बता दें कि अनूप सिंह मुख्‍यमंत्री हेमन्‍त सोरेन के काफी करीबी माने जाते हैं. पूर्व में भी सरकार गिराने की साजिश को लेकर झारखंड में बवाल मचा था. उस समय भी अनूप सिंह ने ही रांची में आनन-फानन में प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि कुछ लोग सरकार को अपदस्‍थ करने की साजिश में जुटे हैं. इस सूचना के बाद आनन-फानन होटल और कई ठिकानों पर रेड पड़ा था. उस समय भी इरफान अंसारी सहित कुछ विधायकों के नाम सामने आये थे. तब विक्‍स कोंगाड़ी ने

भी कहा था कि मुझे भी पूर्व में इसी को लेकर ऑफर मिला था.

बता दें कि हावड़ा पुलिस ने जिस गाड़ी में इन तीनों विधायकों को पकड़ा उस गाड़ी पर जामताड़ा विधायक का नेम-प्‍लेट लगा था। गाड़ी में जामताड़ा विधायक डॉ इरफान अंसारी, सिमडेगा के कोलेबीरा विधायक नमन विक्‍सल कोंगाड़ी और रांची के खिजरी से विधायक राजेश कच्‍छप के साथ चालक और इरफान अंसारी के सहायक मौजूद थे. बरामद रुपयों के संबंध में संतोषजनक उत्‍तर नहीं देने के बाद पांचों को जेल भेज दिया गया. बंगाल पुलिस अब मामले की सीआईडी से जांच की तैयारी में है.

इस घटना क्रम पर बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट किया ” प्रत्यक्षं किम् प्रमाणं. झारखंड के कांग्रेस के तीन विधायकों की गाड़ी से हावड़ा में भारी मात्रा में कैश के साथ हिरासत में लिये जाने की खबर है. भ्रष्‍टाचार के आकंठ में डूबी इस सरकार का हरेक घटक राज्‍य को अंदर से खोखला करने में जुटा है. मुख्‍यमंत्री से लेकर विधायक, चमचे सबके सब…”. एक ट्वीट में बाबूलाल ने कहा ”झारखंड से कांग्रेस के तीन विधायकों के बंगाल में पैसे लेकर पकड़े जाने से देश दुनियां में यह राज्‍य शर्मसार हुआ है. आयकर, ईडी पैसे देने वाले के श्रोत की भी जांच कर खुलासा करे ताकि पर्दे के पीछे की सच्‍चाई सामने आये.”

घटना के बाद कांग्रेस मुख्‍यालय पहुंचकर झामुमो के प्रदेश महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने संयुक्‍त प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मैं कांग्रेस कार्यालय में, पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन और मुख्‍यमंत्री हेमन्‍त सोरेन के निर्देश पर, कांग्रेस पार्टी की सक्रियता और एक्‍शन को लेकर आभार व्‍यक्‍त करने आया हूं. कांग्रेस की चौकसी के कारण बीजेपी की मंशा कामयाब नहीं हुई. बीजेपी चुनी हुई सरकार को अपदस्‍थ करने की मंशा रखती है, यहां वही हो रहा है. बीजेपी की नजर राज्‍य की खनिज संपदा पर है. ताकि वह अपने उद्योगपती मित्रों को उपकृत कर सके.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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