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हर घर तिरंगा अभियान : राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान और लगाव

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हर घर तिरंगा अभियान : राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान और लगाव

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की आजादी के 75 वीं वर्षगांठ पर आजादी के अमृत महोत्सव को मनाने के दौरान देश के प्रत्येक नागरिक को अपने घरों में तिरंगा लगाने और इसे फहराने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए “हर घर तिरंगा” अभियान शुरू किया है. प्रधानमंत्री का कहना है कि इस अभियान के पीछे लोगों के दिलों दिमाग़ में देशभक्ति की भावना को जागृत करना एवं जनभागीदारी की भावना से देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के वर्षगांठ के अवसर पर आजादी के अमृत महोत्सव को मनाना है. 13-15 अगस्त के बीच प्रत्येक नागरिक द्वारा अपने घरों में तिरंगा झंडा फहराया जाएगा. इस अभियान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जुलाई को ट्वीट करते हुए कहा कि इस साल देश के प्रत्येक नागरिक आजादी के अमृत महोत्सव मनाने जा रहे हैं. जिसमें हर घर 13 से 15 अगस्त के बीच भारत के प्रत्येक व्यक्ति अपने घरों में तिरंगा को लहराएंगे. जिससे देश के प्रत्येक नागरिक के अंदर स्वतंत्रता आंदोलन और राष्ट्रीय ध्वज के प्रति जुड़ाव और लगाव अधिक गहरा होगा. इस अभियान का एक मकसद दुनिया भर में भारतीयों को अपने घरों में तिरंगा फहराने के लिए अधिक से अधिक प्रोत्साहित करना भी है.

इसका मुख्य लक्ष्य नागरिकों के दिलों में देशभक्ति की भावना पैदा करना और राष्ट्रीय ध्वज के प्रति जागरूकता बढ़ाना है. भारत में राष्ट्रीय ध्वज को कैसे नियंत्रित किया जाता है. यह भारत के ध्वज संहिता 2002 भारत सरकार द्वारा तैयार किया गया है. यह राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग, प्रदर्शनी और फहराने पर गाइडलाइन प्रोवाइड करता है. भारत का ध्वज संहिता 26 जनवरी 2002 को लागू किया गया था. जो कि प्राइवेट पब्लिक और गवर्नमेंट ऑर्गेनाइजेशन द्वारा ध्वज के प्रदर्शन को नियंत्रित करता है.

केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने हर घर तिरंगा योजना के लिए लोगों को और अधिक उत्साहित एवं जागरूक करने के लिए एक वेबसाइट लॉन्च की है. जिसमें देश का कोई भी नागरिक झंडा लगा सकता है और अपने देशभक्ति को दिखाने के लिए तिरंगा झंडा के साथ सेल्फी लेकर इस वेबसाइट पर पोस्ट कर सकता है. इस साल स्वतंत्रता दिवस के 75 साल पूरा होने पर देश में आजादी का अमृत महोत्सव का पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू किया है. भारत के आजादी के 75 गौरवशाली सालों को मनाने के लिए इस महोत्सव की शुरुआत की गई है. जिसमें देश के 28 राज्यों, 8 केंद्र शासित प्रदेशों और 150 से अधिक देशों में 50,000 से अधिक इस आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत सफलतापूर्वक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. जो कि अब तक का सबसे बड़े कार्यक्रमों में से एक है.

15 अगस्त को आजादी के 75 साल पूरे हो जाएंगे. इस मौके पर केंद्र सरकार 13 अगस्त से लेकर 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान चलाएगी. उद्देश्य है कि लगभग हर घर की छतों पर तिरंगा फहराया जाए. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशवासियों से आग्रह किया है कि हर घर पर तिरंगा लहराया जाए. सरकार का मानना है कि इस अभियान से ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ेंगे और लोगों के अंदर एक देशभक्ति की भावना जागृत होगी. सरकार को ऐसा लगता है कि राष्ट्रीय ध्वज से लोगों का जुड़ाव सिर्फ संस्थागत के रूप में है, ऐसे में इस तरह के अभियान से एक अलग मैसेज लोगों के बीच में जाएगा.

हर घर तिरंगा अभियान के तहत इस बार केंद्र सरकार ने लगभग 20 करोड़ घरों की छतों पर तिरंगा फहराने की योजना बनाई है. वही फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के मुताबिक, फिलहाल देश में चार करोड़ झंडे ही उपलब्ध हैं. अब राज्य सरकार या केंद्र सरकार को अपने स्तर से उत्पादन कराना पड़ेगा. जिसके बाद 20 करोड़ झंडे की आपूर्ति होगी. अनुमानत एक झंडे की कीमत ₹10 है और केंद्र सरकार 20 करोड़ घरों की छतों पर झंडा फहराना चाहती है यानी इसके मुताबिक 200 करोड़ रूपए इस अभियान में खर्च होंगे. ये 200 करोड़ रुपए जनता के जेब से ही लिए जायेंगे. इससे पहले इतिहास में झंडा का कारोबार इतना कभी नहीं हुआ है. ऐसे में अब व्यापारियों के पास भी एक चुनौती है कि सरकार के साथ साठ-गांठ बनाकर झंडा को समय से उपलब्ध कराए. जानकारी के मुताबिक, 1 अगस्त से भारत के सभी डाकघरों में तिरंगा मिलने लगेंगे. अगर आप तिरंगा ऑनलाइन खरीदना चाहेंगे तो आप ऑनलाइन भी तिरंगा खरीद सकते हैं.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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