Home ताज़ातरीन मशहूर मिस्री कारी शेख अब्दुल्ला कामिल नमाज़ की इमामत दौरान ही इंतकाल (मृत्यु) कर गए

मशहूर मिस्री कारी शेख अब्दुल्ला कामिल नमाज़ की इमामत दौरान ही इंतकाल (मृत्यु) कर गए

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मशहूर मिस्री कारी शेख अब्दुल्ला कामिल नमाज़ की इमामत दौरान ही इंतकाल (मृत्यु) कर गए

मिस्र के मशहूर कारी शेख अब्दुल्ला कामिल का 37 वर्ष की उम्र में अमेरिका में नमाज़ की इमामत के दौरान निधन हो गया.

विदेशी मीडिया के मुताबिक, मृतक कारी शेख अब्दुल्ला कामिल के करीबियों ने बताया कि कारी अब्दुल्ला बुधवार को न्यूजर्सी में स्थित अल-तौहीद मस्जिद में नमाज़ की इमामत कर रहे थे, इसी दौरान उनकी मौत हो गई.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, कारी शेख अब्दुल्ला कामिल ने बहुत ही कम उम्र में ही कुरान हिफ्ज़ कर लिया था और बेहद खूबसूरत आवाज में इसे पढ़ने के लिए वो दुनियाभर में मशहूर थे.खास बात यह है कि स्वर्गीय कारी शेख अब्दुल्ला कामिल बचपन से ही (नाबीना) अंधे थे.

 

सोशल मीडिया पर उनके अचानक मौत की खबर पर बड़े पैमाने पर शोक व्यक्त किया जा रहा है और अल्लाह से उनके जन्नत में ऊंचे ओहदे की दुआ की जा रही है.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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