मराठी सियासत को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट की बड़ी सुनवाई होनी है. ठाकरे गुट और शिंदे गुट का भविष्य क्या होगा, शिंदे की सरकार बचेगी या नहीं और बीजेपी के खेल से कितना पर्दा उठेगा. इस पर आज सुनवाई होगी. सुनवाई से पहले डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने हलफनामा पेश किया है. जिरवाल ने कहा है कि 16 बागी विधायकों को 48 घंटे का वक्त दिया गया था, लेकिन उन्होंने 24 घंटे में ही सुप्रीम कोर्ट का रूख कर लिया.
26 जून को सुप्रीम कोर्ट ने एकनाथ शिंदे खेमे के 16 विधायकों की सदस्यता रद्द वाले नोटिस पर सुनवाई की थी, जिसमें कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर, शिवसेना, केंद्र सरकार और महाराष्ट्र पुलिस को जवाब दाखिल करने के लिए कहा था.
बता दें कि सुप्रीम फैसले पर अब निर्भर हो गई है मराठी सियासत. आज के फैसले से 3 जगहों पर सीधा असर पड़ने के आसार हैं. सबसे पहली बात तो ये है कि महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की सरकार बन गई है. विधानसभा में फ्लोर टेस्ट भी पास कर लिया गया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से 16 बागी विधायकों को अगर राहत नहीं मिलती है, तो सरकार पर असर होगा.
इसी वजह से शिंदे ने अब तक कैबिनेट का विस्तार नहीं किया है और ना ही कोई बड़ा फैसला किया है. विभागों का बंटवारा भी रूका हुआ है.
उधर, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से शिवसेना का भविष्य भी तय होगा. विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने बागी विधायकों को अलग गुट की मान्यता दे दी है. अगर कोर्ट इसे रद्द करता है, तो उद्धव गुट को राहत मिलेगी. वहीं रद्द नहीं होने की स्थिति में शिवसेना के सिंबल की लड़ाई आगे और बढ़ेगी. शिंदे गुट भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के इंतजार में है. कोर्ट से राहत मिलती है, तो फिर सिंबल को लेकर शिंदे गुट चुनाव आयोग की ओर रूख कर सकता है.
तीसरा असर नरहरि जिरवाल पर पड़ने वाला है. डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. अगर कोर्ट उनके खिलाफ वोटिंग का आदेश देती है, तो उनकी कुर्सी पर भी संकट होगा. हालांकि, राहत मिलने पर महाविकास अघाड़ी को फायदा पहुंच सकता है.
महाराष्ट्र विधानसभा सचिव राजेंद्र भागवत ने शिव सेना के सभी 53 विधायकाें काे कारण बताओ नाेटिस जारी किया है. यह नाेटिस शिव सेना के दाेनाें गुटाें द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर जारी किया गया है. विधायकाें से एक हफ्ते में जवाब देने काे कहा गया है. शिव सेना के 39 विधायक एकनाथ शिंदे के समर्थन में हैं, जबकि 14 विधायक उद्धव ठाकरे के साथ बने हुए हैं. शिंदे बीजेपी के समर्थन से सीएम बने हैं.