भारत में हर साल 35 लाख टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है. पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने मंगलवार को प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के लिए कुछ उपायों की शुरुआत करते हुए ये जानकारी दी.
बेहतर पर्यावरण के लिए जीवनशैली में परिवर्तन के लिए लोगों में चेतना फैलाने से जुड़े शुभंकर ‘प्रकृति’ की लॉन्चिंग के दौरान यादव ने प्लास्टिक से पैदा प्रदूषण के खात्मे की अपील की और एक बेहतर भविष्य के निर्माण में योगदान देने को कहा.
यादव ने कहा, ”प्लास्टिक आज के दौर में पर्यावरण से जुड़ी सबसे बड़ी समस्याओं में शुमार हो गया है. भारत में हर साल 35 लाख टन प्लास्टिक कचरा पैदा हो रहा है. पिछले पांच साल में भारत में प्रति व्यक्ति प्लास्टक कचरा पैदा होने की मात्रा दोगुनी हो गई है. प्लास्टिक का प्रदूषण हमारे इको-सिस्टम को बुरी तरह प्रभावित कर रही है. इससे वायु प्रदूषण को बढ़ावा मिल रहा है.”
पर्यावरण मंत्री ने प्लास्टिक कचरा के नियंत्रण के लिए कई पहलकदमियों की शुरुआत की. इनमें सिंगल यूज प्लास्टिक और प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के लिए एक नेशनल डैशबोर्ड की शुरुआत शामिल है. पर्यावरण और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रभावी प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के लिए कई पहलकदमियों की शुरुआत की गई है.
इस कार्यक्रम में राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने भी शिरकत की. प्लास्टिक कचरे से देश को निजात दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक सिंगल यूज प्लास्टिक के खात्मे की प्रतिबद्धता जताई थी.