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भारत जोड़ो यात्रा : राजस्थान आने से पहले गहलोत और पायलट में एकता के संकेत

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भारत जोड़ो यात्रा : राजस्थान आने से पहले गहलोत और पायलट में एकता के संकेत

राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में 5 दिसंबर को प्रवेश करेगी. लेकिन इससे पहले ही गहलोत और पायलट के बीच चल रही सियासी चींखतान को समाप्त करने की शुरुआत हो गई है. दोनों नेताओं ने अब भारत जोड़ो यात्रा को सफल बनाने की बात कही है. और अगले चुनाव में राजस्थान में फिर से सरकार बनाने का ऐलान भी किया है. सबसे अहम बात तो ये है कि दोनों नेताओं ने आपसी विवाद ख़त्म करने के संकेत दिए हैं. गहलोत और पायलट मीडिया के सामने एक साथ आकर एकता की बात कही है.

इससे पहले राहुल ने दोनों नेताओं को असेट बताया था. उसके बाद गहलोत ने कहा कि हम दोनों ही असेट हैं तो फिर विवाद है ही कहां. पार्टी ने राहुल गांधी के राजस्‍थान पहुंचने से पहले दोनों नेताओं का व‍िवाद शांत कराने की ज‍िम्‍मेदारी केसी वेणुगोपाल पर सौंपी थी. मंगलवार शाम गहलोत सचिन के साथ प्रेस के सामने दिखे तो लगा कि राहुल और कांग्रेस की कोशिशें रंग ला रही हैं.

प्रेस कांफ्रेंस में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि जब राहुल गांधी ने हम दोनों को एसेट्स बता दिया है तो फिर कुछ भी कहने की गुंजाइश कहां बचती है. संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा ‘‘राहुल गांधी हम सबके नेता है. जब राहुल गांधी ने कहा है कि एसेट्स है तो फिर एसेट्स है. फिर चर्चा किस बात की. ’’उन्होंने कहा‘‘ हमारी पार्टी की सबसे बड़ी खूबी यही है. आजादी से पहले और आजादी के बाद, जो नंबर एक नेता होता है उनके अनुशासन में पार्टी चलती हैं. हमारे यहां राहुल गांधी के कहने के बाद कोई गुंजाइश नहीं रहती.’’

इसके पहले हाल ही में एक समाचार चैनल को दिए गए इंटरव्यू में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को गद्दार कहा था. उनके इस बयान के बाद सचिन पायलट ने कहा था कि अशोक गहलोत कद्दावर नेता हैं. और हमारे खिलाफ तमाम बातें कहते रहते हैं. वो हमें नाकारा, निकम्मा और गद्दार कह रहे हैं तो ये कीचड़ उछालने का समय नहीं. यह समय बीजेपी को हराने के लिए एकजुट होकर लड़ने का है. अभी हम सब राहुल गांधी का हाथ मजबूत करने में लगे हैं.

बता दें कि भारत जोड़ो यात्रा 5 दिसंबर को राजस्थान के झालावाड़ में प्रवेश करेगी. यह यात्रा राज्य के सात जिलों से होकर गुजरेगी और करीब 17 दिनों तक राजस्थान में चलेगी.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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