Home ताज़ातरीन भारतवंशी लिओ वराडकर बने आयरलैंड के प्रधानमंत्री 

भारतवंशी लिओ वराडकर बने आयरलैंड के प्रधानमंत्री 

0
भारतवंशी लिओ वराडकर बने आयरलैंड के प्रधानमंत्री 

यूरोप के तीन देशों में भारतवंशी प्रधानमन्त्री हो गए हैं. इंग्लैंड के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक हैं, तो वहीं पुर्तगाल के प्रधानमंत्री अंटोनियो कोस्टा हैं. और अब आयरलैंड के प्रधानमंत्री लियो वराडकर बनाये गए हैं. वराडकर की पृष्ठभूमि महाराष्ट्र से है. उनके पिता डॉक्टर अशोक 70 के दशक में यूरोप शिफ्ट कर गए थे. वराडकर दूसरी बार वहाँ के पीएम बने हैं. वो सबसे कम उम्र के पीएम तो हैं ही, साथ ही उनकी एक पहचान गे के रूप में भी है. कह सकते हैं कि वराडकर दुनिया के पहले गे प्रधानमंत्री हैं. भारत के प्रधान मन्त्री नरेंद्र मोदी ने वराडकर को बधाई दी है और कहा है कि आयरलैंड के साथ ऐतिहासिक संबंधों, साझा संवैधानिक मूल्यों और बहुआयामी सहयोग को मैं बहुत महत्व देता हूं. दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे.

लियो वराडकर अब तक चार बार भारत आ चुके हैं. और वह मराठी बोलना भी जानते हैं. उन्हें मराठी बोलना उनके पिता ने सिखाया था. 43 साल के लियो आयरलैंड के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री हैं. ये उनका दूसरा कार्यकाल है. 2017 में 38 साल की उम्र में वो पहली बार प्रधानमंत्री बने थे. उनका ये कार्यकाल 2020 तक चला था. इतना ही नहीं वो आयरलैंड के पहले गे पीएम भी हैं. उनका जन्म 18 जनवरी 1979 को आयरलैंड की राजधानी डबलिन में हुआ था. उनकी मां मरियम का संबंध आयरलैंड से ही था.

आयरलैंड में 1993 तक समलैंगिकता को अपराध माना जाता था. 2013 में आयरलैंड ने एक जनमतसंग्रह करवाया जिसके बाद वहां 2015 के मई महीने में सेम सेक्स (समलैंगिक) शादी को मान्यता दी. इसके कुछ महीने पहले जनवरी 2015 में वराडकर खुलकर सामने आए और उन्होंने अपने समलैंगिक होने की बात पब्लिक की. उस वक्त वो हेल्थ मिनिस्टर थे.

लियो की मां मरियम नर्स का काम करती थीं. उनके पिता अशोक भारतीय प्रवासी थे. वो पेशे से डॉक्टर थे और 1960 के दशक में इंग्लैंड की नेशनल हेल्थ सर्विस में काम करते थे. यहीं पर दोनों की मुलाकात हुई थी. अशोक महाराष्ट्र में सिंधुदुर्ग जिले के वराड गांव से थे और मुंबई में रहते थे. 2019 में लियो वराडकर महाराष्ट्र में अपने गांव पहुंचे थे.

Previous article पाकिस्तान ने भारतीय हिंदू तीर्थयात्रियों को चकवाल में श्री कटास राज मंदिर जाने के लिए जारी किया वीजा
Next article भारत जोड़ो यात्रा : राहुल ने कहा नफरत के बाजार में मुहब्बत की दूकान है यात्रा 
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here