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पाकिस्तान ने भारतीय हिंदू तीर्थयात्रियों को चकवाल में श्री कटास राज मंदिर जाने के लिए जारी किया वीजा

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पाकिस्तान ने भारतीय हिंदू तीर्थयात्रियों को चकवाल में श्री कटास राज मंदिर जाने के लिए जारी किया वीजा

नई दिल्ली: दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग ने 20 से 25 दिसंबर 2022 तक पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में प्रमुख और पवित्र श्री कटास राज मंदिरों, जिन्हें किला कटास के नाम से भी जाना जाता है, की यात्रा के लिए 96 भारतीय हिंदू तीर्थयात्रियों के एक समूह को वीजा जारी किए हैं.

Pakistan issues visas to Indian Hindu pilgrims to visit Shri Katas Raj Temple in Chakwa Tweet

पाकिस्तानी उप राजदूत आफताब हसन खान ने इस अवसर पर हिंदू तीर्थयात्रियों को आध्यात्मिक रूप से पवित्र सुगम तीर्थ यात्रा की कामना की और कहा कि पाकिस्तान सरकार पवित्र धार्मिक स्थलों के संरक्षण और सभी धर्मों के तीर्थयात्रियों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है.सिख और हिंदू तीर्थयात्रियों को वीजा जारी करना धार्मिक स्थलों की यात्रा को सुविधाजनक बनाने के पाकिस्तान सरकार के प्रयासों के अनुरूप है.

Pakistan issues visas to Indian Hindu pilgrims to visit Shri Katas Raj Temple in Chakwa

आफताब हसन खान ने कहा कि सिख और हिंदू तीर्थ यात्रियों को वीजा जारी करना धार्मिक स्थलों की यात्रा को सुविधाजनक बनाने के पाकिस्तान सरकार के प्रयासों के अनुरूप है.

गौरतलब है कि श्री कटास राज मंदिर में हिंदू तीर्थ यात्रियों की यात्रा 1974 के धार्मिक स्थलों के दौरे पर द्विपक्षीय प्रोटोकॉल के तहत कवर की गई है.

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बता दें कि हर साल, भारत से बड़ी संख्या में सिख और हिंदू तीर्थयात्री विभिन्न धार्मिक त्योहारों को मनाने के लिए पाकिस्तान जाते हैं. इसके अलावा, बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों को पाकिस्तान उच्चायोग द्वारा पाकिस्तान में अपने परिवारों और दोस्तों से मिलने के लिए नियमित आधार पर वीजा जारी किया जाता है.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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