Home देश बंगाल में हिंसा के बाद भारी तनाव ,बीजेपी सांसदों का आज दौरा

बंगाल में हिंसा के बाद भारी तनाव ,बीजेपी सांसदों का आज दौरा

बंगाल में हिंसा के बाद भारी तनाव ,बीजेपी सांसदों का आज दौरा

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए कठिन दौर शुरू हो गया है. बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट में जिस तरह से उपद्रवियों ने हिंसा को अंजाम दिया है उससे सारा देश उद्वेलित हो गया है. पहले टीएमसी के एक नेता की हत्या की गई और बाद में उपद्रवियों ने लोगों को घरों में बंद कर आग लगा दिया. इसमें एक ही परिवार के सात लोगों की जलकर मौत हो गई. अब तक दस लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है. इस जघन्य कांड के बाद बंगाल में तनाव का वातावरण तो है ही ममता की सरकार केंद्र के निशाने पर आ गई है. कांग्रेस ने भी इस घटना की आलोचना की है और राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग की है. बंगाल की इस घटना की जानकारी लेने के लिए बीजेपी के पांच सांसद बंगाल दौरे पर जा रहे हैं. उम्मीद की जा रही है कि घटना स्थल से सांसदों के लौटने के बाद केंद्र कोई बड़ा फैसला ले सकता है. उधर बंगाल के सीएम ममता बनर्जी और राज्यपाल धनखड़ के बीच कहासुनी की खबरे भी आयी है और ममता ने राज्यपाल पर कई तरह के आरोप भी लगा दिए हैं.
इससे पहले कल बीजेपी के एक दल ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की. अमित शाह ने राज्य सरकार से 72 घंटे में रिपोर्ट मांगी है. विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने ट्वीट करके कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था तेजी से चरमरा गई है. पंचायत उपप्रधान की हत्या के बाद बीरभूम जिले के रामपुरहाट इलाके में तनाव और दहशत फैल गई है. भादू शेख कथित तौर पर कल शाम एक बम हमले में मारा गया था. गुस्साई भीड़ ने बाद में तोड़फोड़ की और कई घरों में आग लगा दी.
पुलिस के मुताबिक, भादू शेख सोमवार रात को स्‍टेट हाईवे- 50 से गुजर रहे थे, तभी उन पर बम फेंका गया था. उन्‍हें घायल अवस्था में रामपुरहाट मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, लेकिन तब तक उनकी जान जा चुकी थी. हालांकि इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. इसमें एडीजी वेस्टर्न रेंज संजय सिंह, सीआईडी, एडीजी ग्यानवंत सिंह के अलावा डीआईजी सीआईडी ऑपरेशन मेराज खालिद को शामिल किया गया है.
आरोप है कि टीएमसी के पंचायत नेता की हत्या के बाद भड़की भीड़ ने 10 घरों में आग लगा दी, जिसमें 10 लोगों की मौत हुई. हालांकि पुलिस दोनों घटनाओं को अलग बता रही है. पूरा सच तो जांच के बाद सामने आएगा, लेकिन पूरी घटना ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है.
बता दें कि बंगाल में फिर से टीएमसी की सरकार बनने के बाद लगातार हिंसक घटनाएं हुई है. इस हिंसक घटनाओ में दर्जनों लोगों की जाने गई है. लेकिन बीरभूम की ताजा घटना ने देश को हिला कर रख दिया है.
उधर, बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने रामपुरहाट में लोगों को जिंदा जलाए जाने की घटना पर चिंता जताई है. इस घटना को भयावह करार देते हुए गवर्नर ने कहा, ‘इस बर्बर घटना से मुझे गहरा आघात और दुख पहुंचा है. कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. हम राज्य में हिंसा और अराजकता की संस्कृति की इजाजत नहीं दे सकते. मैंने मुख्य सचिव से भी इस मामले पर बात की है.’
इस बीच राज्य के हिंसा और अराजकता की संस्कृति की गिरफ्त में होने का बयान देने के कुछ घंटे बाद ही सीएम ममता बनर्जी ने उनसे अनुचित बयान देने से बचने का आग्रह किया. धनखड़ को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी टिप्पणियां अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण हैं और ऐसे प्रतिष्ठित संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति के लिए अशोभनीय है, गवर्नर को संबोधित पत्र में सीएम ममता बनर्जी ने लिखा है, ‘आपकी बातों और बयानों का राजनीतिक स्वर होता है, जो सरकार को धमकाने के लिए अन्य राजनीतिक दलों को समर्थन मुहैया कराते हैं.’
अब देखना है कि बंगाल की राजनीति और वहां बढ़ती हिंसक घटनाओ पर केंद्र का क्या रुख होता है. अगर केंद्र ने कोई एक्शन लिया तो ममता की मुसीबत बढ़ सकती है.

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पिछले 30 वर्षों से मिशनरी पत्रकारिता करने वाले अखिलेश अखिल की पहचान प्रिंट, टीवी और न्यू मीडिया में एक खास चेहरा के रूप में है। अखिल की पहचान देश के एक बेहतरीन रिपोर्टर के रूप में रही है। इनकी कई रपटों से देश की सियासत में हलचल हुई तो कई नेताओं के ये कोपभाजन भी बने। सामाजिक और आर्थिक, राजनीतिक खबरों पर इनकी बेबाक कलम हमेशा धर्मांध और ठग राजनीति को परेशान करती रही है। अखिल बासी खबरों में रुचि नहीं रखते और सेक्युलर राजनीति के साथ ही मिशनरी पत्रकारिता ही इनका शगल है। कंटेंट इज बॉस के अखिल हमेशा पैरोकार रहे है।

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