अखिलेश अखिल
जो आतंक को पनाह देता है और दूसरों को घर को तबाह करने को सोचता है, उसकी तबाही भी आतंक से ही होती है. आज पाकिस्तान का यही हाल है. पाकिस्तान की स्थिति ऐसी हो गई है कि अफगानी तालिबानी भी उससे दूर रहने में ही भलाई समझते हैं. भारत के खिलाफ काम करने वाला पाकिस्तान आज कहीं का नहीं है. कर्ज में डूबा है, और आर्थिक संकट से बर्बाद होने के कगार पर है. इसी बीच गिलगित और बाल्टिस्तान के लोग अब पाकिस्तान सरकार के खिलाफ आंदोलनरत भी हो गए हैं, और सरकार से कह रहे हैं कि कारगिल रोड खोलकर गिलगित बाल्टिस्तान को भारत के लद्दाख के करगिल जिले में शामिल किया जाए. उनका कहना है कि सरकार हमारे साथ भेदभाव कर रही है, लेकिन अब गिलगित बाल्टिस्तान को लेकर फैसला हम करेंगे.
दरअसल, पाकिस्तान की सेना डेमोग्राफी बदलने के लिए दूसरे प्रांतों के लोगों को वहां बसा रही है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा के लोग उनकी जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं. इन लोगों को सेना का समर्थन है. उनकी सुरक्षा के लिए सेना के जवानों की तैनात की जा रही है. इसके चलते स्थानीय लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. ये लोग मसले पर भारत से दखल देने की मांग भी कर रहे हैं.
प्रदर्शन कर रहे लोगों के वीडियो भी सामने आ रहे हैं. जिसमें प्रदर्शनकारियों को नारेबाजी करते हुए सुना जा सकता है. वो कह रहे हैं, ‘आर-पार जोड़ दो, कश्मीर का द्वार खोल दो.’ प्रदर्शनकारियों का कहना है कि हमारे फैसले इस्लामाबाद की सरकार नहीं लेगी और न हम उनको ऐसा करने की इजाजत देंगे. गिलगित बाल्टिस्तान को लेकर फैसला अब यहां की जनता करेगी.
बता दें कि गिलगित क्षेत्र के मिनावर गांव में सेना के जवान स्थानीय लोगों की प्रॉपर्टी गिराने के लिए पहुंचे थे. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने सेना के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. लोगों का आरोप है कि सेना अवैध कमाई करने के लिए सिस्टेमेटिक ढंग से लोगों की जमीन हड़प रही है.
सेना का विरोध कर रहे मिनावर गांव के लोगों को आस-पास के इलाकों की जनता का समर्थन भी मिल रहा है. कई प्रदर्शनकारियों का कहना है कि भले ही सेना उन्हें गोली मार दे, लेकिन वो उन्हें जमीन नहीं कब्जाने देंगे. एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि यह हमारी पुश्तैनी फिल्म है. हम किसी भी कीमत पर इसे नहीं देंगे.
एक प्रदर्शनकारी ने बताया – पाकिस्तानी सेना आती है और हमें पीटती है. वो हमारी जमीन पर कब्जा कर लेती है. बिना कोई मुआवजा दिए हमारी 12 हजार कनाल जमीन सेना हड़प चुकी है. अब हम उन्हें एक इंच जमीन भी नहीं देंगे. रिपोर्ट के अनुसार, गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग कई परेशानियों का सामना कर रहे हैं. अवैध टैक्स, बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी की वजह से लोगों में पाकिस्तान विरोधी भावनाएं बढ़ रही हैं. मौलिक अधिकारों की मांग करने पर लोगों को पुलिस की लाठियों का सामना करना पड़ता है.
भारत सरकार इस मसले को गौर से देख रही है और लगातार प्रदर्शकारियों पर नजर टिकाये हुए हैं. उधर पाक सेना लगातार प्रदर्शनकारियों पर हमले कर रही है. हालांकि ऐसा कोई पहली बार नहीं है. लेकिन अभी जिस तरह के हालात बनते जा रहे हैं, उससे पाक के भीतर के हालात और भी खराब होंगे और गिलगित – बाल्टिस्तान के लोग भारत के साथ आने को तैयार हो गए तो फिर पाक का क्या अंजाम होगा देखने की बात होगी.