जम्मू कश्मीर में इस साल के अंत तक चुनाव संपन्न हो जायेंगे. लम्बे समय से यहां चुनाव कराने की मांग चल रही थी. इसी बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में इस साल के अंत तक चुनावी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. रक्षामंत्री महाराजा गुलाब सिंह के राज्यभिषेक के 200वें साल पूरे होने के मौके पर एक प्रोग्राम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की प्रोसेस पूरी हो गई है. अब जम्मू और कश्मीर में 90 सीटें हो गई हैं, इसमें जम्मू में 43 और 47 विधानसभा सीटें कश्मीर की हैं। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश में मतदाता सूची में संशोधन शुरु कर दिया है. 31 अगस्त तक ड्राफ्ट रोल तैयार हो जाएगा. इसके दो दिन बाद यानि 2 अगस्त 2022 तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीख को लेकर जानकारी सामने आ सकती है.
रक्षामंत्री ने कहा कि पीओके और गिलगित, बाल्टिस्तान पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है. विलय के बाद अगर जम्मू-कश्मीर के साथ सौतेला व्यवहार नहीं होता तो अलगाववादी ताकतें इतनी मजबूत नहीं होती. यहां नफरत के बीज बोए जा रहे हैं, जिसके लिए पड़ोसी देश की अहम भूमिका है.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव होने जा रहा है. इससे पहले जम्मू-कश्मीर में दिसंबर 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे. जिसमें महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा. चुनाव में पीडीपी 28 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई, जबकि बीजेपी 25 सीटों के साथ दूसरी बड़ी पार्टी बनी थी. जून 2018 में बीजेपी ने पीडीपी से समर्थन वापस ले लिया और महबूबा मुफ्ती की सरकार गिर गई. नवंबर 2018 में केंद्र ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया.
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया था. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग – अलग करके केंद्र शासित प्रदेश बना दिया. अमित शाह ने बताया लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी, वहीं जम्मू-कश्मीर में परीसीमन के बाद विधानसभा सीटें बढ़ेंगी.
उधर, परिसीमन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में जम्मू में 6 और कश्मीर में 1 विधानसभा सीट समेत कुल 7 विधानसभा सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है. इन प्रस्तावों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में अब विधानसभा सीटें 83 से बढ़कर 90 हो जाएंगी, जबकि लोकसभा सीटें 5 ही रहेंगी.
राज्य की मौजूदा विधानसभा सीटों की संरचना में भी बड़ा बदलाव किया गया है. प्रस्तावों के मुताबिक, जम्मू की विधानसभा सीटें 37 से बढ़ाकर 43 और कश्मीर की 46 से 47 किए जाने का प्रस्ताव है.