Friday, December 27, 2024
होमजुर्मगुजरात दंगों के चर्चित केस बिलकिस बानो गैंगरेप मामले के सभी 11...

गुजरात दंगों के चर्चित केस बिलकिस बानो गैंगरेप मामले के सभी 11 दोषी रिहा, गुजरात सरकार ने लिया फैसला

गुजरात सरकार की मेहरबानी से 2002 के गुजरात दंगों के दौरान चर्चित बिलकिस बानो गैंगरेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे सभी 11 दोषियों को रिहा कर दिया गया है. इन्हें ये रिहाई 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के दिन दी गई है. ये सभी आरोपी गोधरा जेल में बंद थे. इन सभी 11 दोषियों को गुजरात सरकार की माफी योजना के तहत रिहाई दी गई है.

बता दें कि 2002 के गुजरात दंगों के दौरान अहमदाबाद के नज़दीक रणधी कपूर गांव में एक भीड़ ने बिलक़ीस बानो के परिवार पर हमला किया था. इस दौरान पांच महीने की गर्भवती बिलक़ीस बानो के साथ गैंगरेप किया गया. उनकी तीन साल की बेटी सालेहा की भी बेरहमी से हत्या कर दी गई. उस वक़्त बिलक़ीस क़रीब 20 साल की थीं. इस दंगे में बिलक़ीस बानो की मां, छोटी बहन और अन्य रिश्तेदार समेत 14 लोग मारे गए थे.

21 जनवरी, 2008 को मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप और परिवार के सात सदस्यों की हत्या के आरोप में 11 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. बाद में बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी उनकी सजा को बरकरार रखा था.

हालांकि 15 साल से अधिक की जेल की सजा काटने के बाद दोषियों में से एक ने समय से पहले रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को सजा में छूट के मुद्दे पर गौर करने का निर्देश दिया था. कोर्ट के निर्देश के बाद गुजरात सरकार ने इस मामले में एक समिति का गठन किया. समिति ने कुछ महीने पहले मामले के सभी 11 दोषियों को रिहा करने का फैसला दिया और राज्य सरकार को सिफारिश भेजी गई जिसके बाद स्वतन्त्रता दिवस यानी 15 अगस्त को सभी 11 दोषियों को जेल से रिहा कर दिया गया.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
RELATED ARTICLES

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Most Popular

Recent Comments