Home ताज़ातरीन गुजरात चुनाव : टिकट न मिलने से नाराज कई विधायकों ने बढ़ाई बीजेपी की परेशानी 

गुजरात चुनाव : टिकट न मिलने से नाराज कई विधायकों ने बढ़ाई बीजेपी की परेशानी 

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गुजरात चुनाव : टिकट न मिलने से नाराज कई विधायकों ने बढ़ाई बीजेपी की परेशानी 

गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी द्वारा टिकट न दिये जाने से नाराज पार्टी के अब तक आधा दर्जन से ज्यादा नेता काफी नाराज हो गए हैं और उन्होंने बीजेपी को सबक सिखाने की बात कही है. कम से कम एक मौजूदा विधायक और चार पूर्व विधायकों ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने की धमकी दे डाली है. बता दें कि गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए एक और पांच दिसंबर को दो चरणों में मतदान होगा जबकि मतों की गिनती 8 दिसंबर को होगी.

बीजेपी के कुछ असंतुष्ट नेताओं ने कहा है कि वो अपने समर्थकों से परामर्श करने के बाद अपना अगला कदम उठाएंगे, लेकिन बीजेपी के पूर्व विधायक हर्षद वसावा ने नंदोड (अनुसूचित जनजाति आरक्षित) सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया. याद रहे कि हर्षद वसावा बीजेपी गुजरात इकाई के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष हैं और उन्होंने 2002 से 2007 और 2007 से 2012 तक पूर्ववर्ती राजपीपला सीट का प्रतिनिधित्व किया था. नर्मदा जिले की नंदोड सीट पर वर्तमान में कांग्रेस का कब्जा है. इस सीट से बीजेपी ने डॉ दर्शन देशमुख को उतारा है.

इस घोषणा से नाखुश हर्षद वसावा ने बीजेपी में अपने पद से इस्तीफा दे दिया और शुक्रवार को नंदोड सीट के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. वसावा ने नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यहां असली बीजेपी और नकली बीजेपी है. हम उन लोगों को बेनकाब करेंगे, जिन्होंने प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर दिया है और नये लोगों को महत्वपूर्ण पद दे दिए. मैंने अपना इस्तीफा पार्टी को भेज दिया है. इस क्षेत्र के लोग जानते हैं कि मैंने 2002 से 2012 के बीच विधायक के रूप में कितना काम किया है.

पड़ोसी वडोदरा जिले में एक मौजूदा और दो पूर्व बीजेपी विधायक टिकट न दिये जाने के कारण पार्टी से नाराज हैं. वाघोडिया से छह बार के विधायक मधु श्रीवास्तव ने टिकट नहीं दिये जाने के बाद कहा कि अगर उनके समर्थक चाहते हैं तो वह निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ेंगे. बीजेपी ने इस सीट से अश्विन पटेल को उतारा है. वडोदरा जिले की पादरा सीट से बीजेपी के एक अन्य पूर्व विधायक दिनेश पटेल उर्फ दीनू मामा ने भी कहा है कि वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे. बीजेपी ने इस सीट से चैतन्यसिंह जाला को टिकट दिया है. इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. करजन में बीजेपी के पूर्व विधायक सतीश पटेल मौजूदा विधायक अक्षय पटेल को टिकट देने के निर्णय से नाखुश हैं.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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