Home ताज़ातरीन क्या ईगल एक्ट से भारतियों को मिलेगा ग्रीन कार्ड ?

क्या ईगल एक्ट से भारतियों को मिलेगा ग्रीन कार्ड ?

0
क्या ईगल एक्ट से भारतियों को मिलेगा ग्रीन कार्ड ?

अमेरिका में स्थाई निवासी बनने के लिए भारतियों की लम्बी कतार लगी हुई है, लेकिन उन्हें कई तरह के अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है. अमेरिका में हजारों भारतीय हर साल परमानेंट रेजीडेन्सी के लिए अप्लाई करते हैं. ग्रीन कार्ड स्थायी निवासियों को दिया जाता है और यह अंतिम मुहर होता है कि व्यक्ति अब अमेरिका का स्थायी निवासी है. हालांकि, इसे प्राप्त करने के लिए अमेरिका में भारतीयों को अक्सर लंबी वेटिंग का सामना करना पड़ता है.

यूएस सिटीजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेज द्वारा जुलाई में जारी आंकड़ों के अनुसार, लगभग 3 लाख 70,000 भारतीय वीजा उपलब्धता का शिद्दत से इंतजार कर रहे हैं. इन आवेदनकर्ताओं में ज्यादातर पेशेवर और स्किल कर्मचारियों की श्रेणी के लोग है और ग्रीन कार्ड प्राप्त करने के लिए एलिजिबल हैं.

ग्रीन कार्ड मिलने में देरी के मुख्य कारणों में से एक अमेरिका में रोजगार आधारित इमिग्रेशन वीजा पर प्रति देश सात प्रतिशत का कोटा भी है. यह चीन और भारत जैसे बड़ी आबादी वाले देशों के स्किल कर्मचारियों को अमेरिका में स्थायी कार्ड प्राप्त करने में परेशानी पैदा करता है. इन दोनों देशों के अप्रवासियों को कम आबादी वाले देशों की तुलना में 20 से 30 गुना अधिक प्रतीक्षा अवधि का सामना करना पड़ता है.

देश आधारित कोटा को हटाने के उद्देश्य से इस साल की शुरुआत में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में कानूनी रोजगार अधिनियम यानी ईगल एक्ट 2022 पेश किया गया था. इसका उद्देश्य परिवार स्पॉन्सर वीजा की सीमा को सात प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करना है. इस संबंध में 14 दिसंबर, 2022 को अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में बिल पर कार्यवाही स्थगित कर दी गई.

ईगल एक्ट का सबसे जरूरी उद्देश्य ग्रीन कार्ड देने के आधार को जन्म स्थान से स्किल में बदलना है. आसान भाषा में कहा जाए तो इसके जरिये ‘एक ऐसा सिस्टम बनाना है, जहां समान रूप से योग्य सभी हाई स्किल कर्मचारियों को रोजगार-आधारित ग्रीन कार्ड मिल सके, चाहे उनका जन्म का देश कोई भी हो.

इससे अमेरिका में स्थाई निवासी चाहने वाले भारत के लोगों को फायदा होगा. क्योंकि उन्हें कम अवधि के लिए इंतजार करना होगा. अमेजॉन और इंटेल समेत प्रमुख कंपनियों ने बिल के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया है. अमेरिका की लगभग सभी प्रमुख कंपनियों में भारतीय शामिल हैं.

कई अमेरिकियों ने इस बिल को लेकर संदेह व्यक्त किया है. उन्होंने कहा है कि इससे और अधिक विदेशी निवासी अमेरिका आने के लिए प्रोत्साहित होंगे, और कम वेतन और कम स्किल वाले कर्मचारियों को ग्रीन कार्ड मिलेगा.

बता दें कि एक ग्रीन कार्ड रखने वाला व्यक्ति पांच साल के स्थाई निवासी के बाद अमेरिकी नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है. नागरिकता के लिए आवेदन करने से पहले उन्हें अपने ग्रीन कार्ड को छह महीने से कम समय में समाप्त होने से पहले रिन्यू करने की आवश्यकता है.

Previous article जानिए राहुल गाँधी के सवाल पर रघुराम राजन ने क्या जवाब दिया
Next article क्या सीआर पाटिल होंगे बीजेपी के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष ?
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here