Home देश क्या अहमद पटेल के पुत्र फैसल पटेल कांग्रेस छोड़कर आप से जुड़ेंगे ?

क्या अहमद पटेल के पुत्र फैसल पटेल कांग्रेस छोड़कर आप से जुड़ेंगे ?

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क्या अहमद पटेल के पुत्र फैसल पटेल कांग्रेस छोड़कर आप से जुड़ेंगे ?

अंज़रुल बारी

क्या अहमद पटेल के बेटे फैसल पटेल कांग्रेस छोड़कर किसी और पार्टी के साथ जाने की तैयारी में हैं ? क्या फैसल पटेल का कांग्रेस से मोहभंग हो रहा है या फिर फैसल गुजरात में अपने लिए कांग्रेस से कोई बड़ी भूमिका चाहते हैं ? इसमें सच्चाई क्या है कोई नहीं जनता. लेकिन अब फैसल पटेल अचानक सुर्ख़ियों में आ गए हैं. गुजरात में इसी साल चुनाव होने हैं और कांग्रेस इसकी तैयारी में जुटी हुई है. फैसल की मुलाकात पिछले दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री और ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविन्द केजरीवाल से भी हुई थी. इसके बाद फैसल का एक ट्वीट सामने आया है जिसमे उन्होंने कांग्रेस के सामने अपना दुख बयान किया है. इसी ट्वीट को लेकर माना जा रहा है कि संभवतः फैसल कांग्रेस से निकलने को तैयार है.
पांच राज्यों में करारी हार के बाद कांग्रेस में मंथन जारी है और बड़े स्तर पर संगठन में बदलाव की तैयारी चल रही है. पार्टी को अब पता चल गया है कि जबतक संगठन को मजबूत नहीं किया जाएगा तब तक कोई भी चुनावी जीत संभव नहीं. इसके साथ ही कांग्रेस के भीतर अपने रूठे नेताओं को मनाने की तैयारी भी चल रही है. इस तैयारी में पार्टी को कितनी सफलता मिलती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन इसी साल के अंत में होने वाले गुजरात चुनाव की तैयारी के बीच कांग्रेस के लिए एक नयी खबर भी सामने आ रही है. ये खबर कांग्रेस के संकटमोचक रहे अहमद पटेल के बेटे फैसल पटेल से जुड़ी है.
फैसल ने ट्वीट कर लिखा, ‘इंतजार करके थक गया हूं. हाईकमान से प्रोत्साहन नहीं मिल पा रहा है. मैं अपने विकल्पों को खुला रखकर चल रहा हूं.’ उनके इस ट्वीट को फैसल पटेल के अगले राजनीतिक कदम से जोड़कर देखा जा रहा है. यहां तक कहा जाने लगा है कि गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले वह कांग्रेस छोड़कर किसी और दल का हाथ थाम सकते हैं. और ऐसा हुआ तो कांग्रेस को एक बड़ा धक्का लग सकता है.
गौरतलब है कि फैसल पटेल के पिता अहमद पटेल दशकों तक कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व का हिस्सा रहे हैं और सोनिया गांधी के सबसे भरोसेमंद और करीबी थे. नवंबर 2020 में अहमद पटेल का कोरोना के चलते निधन हो गया था. फैसल पटेल ने अपने ट्वीट में इस बात का कोई जिक्र नहीं किय़ा है कि वह हाईकमान से किस तरह के प्रोत्साहन की उम्मीद कर रहे थे. हालांकि उनके राजनीतिक बैकग्राउंड को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वह राजनीति में पदार्पण कर सकते हैं और कांग्रेस के बजाय किसी और राजनीतिक दल के जरिए वह ऐसा कर सकते हैं.
प्रोत्साहन न मिलने वाली बात को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद वह गुजरात में अहम भूमिका की उम्मीद कांग्रेस से कर रहे थे, जो उन्हें नहीं मिल पाई. इससे पहले फैसल पटेल ने इस बात का संकेत दिया था कि गुजरात विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस के टिकट पर भरूच से इलेक्शन लड़ सकते हैं. पिता के निधन के बाद फैसल पटेल ने कहा था कि मेरी रुचि इस बात में है कि कैसे अहमद पटेल की ओर से शुरू किए गए सामाजिक कार्यों को वह आगे बढ़ा सकें. पटेल परिवार के दो अस्पताल हैं और एक स्कूल भी है, जिसे वो संचालित करते हैं.
गौरतलब है कि फैसल पटेल की एक मुलाकात आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल से भी हो चुकी है. उस मीटिंग की काफी चर्चा हुई थी. ऐसे में फैसल पटेल के इस ट्वीट के चलते इस बात के कयास भी लग रहे हैं कि वह भविष्य में आम आदमी पार्टी का हिस्सा हो सकते हैं.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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