Friday, April 19, 2024
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आंध्रप्रदेश को मिले 13 नए जिले ,अब जिलों की संख्या 26 हुई

अखिलेश अखिल

आंध्र प्रदेश को 13 नये जिले मिले हैं. साथ ही 26 जिलों के साथ राज्य का नया नक्शा भी तैयार हो गया है. 13 नये जिलों के गठन के साथ ही राज्य में जिलों की संख्या 13 से बढ़कर 26 हो गयी. मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने गुंटूर जिला के ताडेपल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये 13 नये जिलों का लोकार्पण किया.
विशाखापत्तनम, ईस्ट गोदावरी और गुंटूर में से प्रत्येक को काटकर 2 अतिरिक्त जिला बनाया गया है. विशाखापत्तनम, ईस्ट गोदावरी और गुंटूर को तीन जिलों में बांट दिया गया. विशाखापत्तनम को काटकर उसमें से दो अतिरिक्त जिले बनाया गये है, जिनके नाम अनाकापल्ली और अलूरी सीताराम राजू रखे गये हैं. ईस्ट गोदावरी से भी दो जिला कांकीनाड़ा और कोनासीमा निकले हैं. गुंटूर से जो जिले बनाये गये हैं, उनके नाम पालनाडु और बापाटला हैं.
वाईएसआर कांग्रेस सरकार के मुखिया ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों को नये जिलों का कलेक्टर (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) नियुक्त किया है. राज्य सरकार ने जनवरी में ही घोषणा की थी कि राज्य में 13 नये जिलों का गठन किया जायेगा. इसके लिए लोगों से सुझाव और आपत्तियां भी मांगी गयी थी.
राज्य सरकार की सूचना के बाद 16,600 सुझाव और आपत्तियां मिलीं थीं. जनता की आपत्तियों और सुझावों पर भी गौर किया गया. बताया गया है कि अधिकारियों ने जनता और जनप्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श के बाद अंतिम फैसला लिया. बता दें कि आंध्र के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने 2019 के विधानसभा चुनावों में वादा किया था कि अगर उनकी पार्टी की सरकार बनी, तो हर लोकसभा क्षेत्र को जिला बनायेंगे.
बता दें कि आंध्र प्रदेश में 25 लोकसभा क्षेत्र हैं. लेकिन सरकार ने पूर्वी गोदावरी और विशाखापत्तनम को काटकर एक अतिरिक्त जिला बनाया है. सरकार ने छोटे-छोटे जिला के गठन पर कहा कि इससे जिला मुख्यालय तक पहुंच आसान होगी. सुदूरवर्ती गांवों तक अधिकारियों की पहुंच सुगम होगी. इससे अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जा सकेगी.
इतना ही नहीं, सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जिला पुलिस ऑफिसरों के साथ-साथ अन्य सरकारी विभागों के कार्यालय एक ही परिसर में होंगे, जिससे लोगों को अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग जगहों पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इससे लोगों की परेशानी दूर होगी और आसानी से वो अपना काम करवा सकेंगे.
आंध्र प्रदेश के 13 नये जिले इस प्रकार हैं –
विजियानगरम जिला को काटकर मान्यम जिला बनाया गया है. विशाखापत्तनम जिला को काटकर अनाकापल्ली जिला का गठन किया गया है. विशाखापत्तनम जिला को काटकर अलूरी सीताराम राजू जिला का गठन किया गया है. ईस्ट गोदावरी जिला को काटकर कांकीनाड़ा जिला बनाया गया है. ईस्ट गोदावरी जिला को काटकर एक और जिला बनाया गया है, जिसका नाम कोनासीमा रखा गया है. वेस्ट गोदावरी जिला को काटकर एलुरु जिला बनाया गया है. गुंटूर जिला से जो जिला निकाला गया है, उसका नाम पालनाडू रखा गया है. गुंटूर जिला से एक और जिला बनाया गया है, जिसका नाम रखा गया है बापाटला.
कुरनूल जिला को विभाजित कर एक नया जिला नंदयाल बनाया गया है. अनंतपुर जिला को विभाजित कर श्री सत्य साई जिला बनाया गया है. चित्तूर जिला को काटकर श्री बालाजी जिला बनाया गया है. कडप्पा जिला को काटकर अन्नमाया जिला बनाया गया है. और कृष्णा जिला को काटकर एनटी रामा राव जिला बनाया गया है.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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