Home ताज़ातरीन कभी चाणक्य की भूमिका में रहे प्रशांत किशोर अब चन्द्रगुप्त बनने को तैयार

कभी चाणक्य की भूमिका में रहे प्रशांत किशोर अब चन्द्रगुप्त बनने को तैयार

कभी चाणक्य की भूमिका में रहे प्रशांत किशोर अब चन्द्रगुप्त बनने को तैयार

अखिलेश अखिल

देश की राजनीति में चाणक्य की भूमिका निभाने वाले प्रशांत किशोर अब चन्द्रगुप्त बनने को तैयार हैं. अबतक वो दुसरो को चुनाव जितने का गुर सिखाते थे अब खुद पार्टी बनाकर चुनाव में जीत हासिल करेंगे. जानकारी के मुताबिक़ प्रशांत किशोर अब एक नई पार्टी की स्थापना कर रहे हैं जिसकी घोषणा संभवतः पांच तारीख को होने वाली है. पांच तारीख को पीके एक बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहे हैं. बिहार की राजनीति से लेकर दिल्ली तक इसकी चर्चा हो रही है. यह प्रेस कॉन्फ्रेंस पटना में होनी है लेकिन दिल्ली की सियासी गलियारों में भी इसकी खूब चर्चा हो रही है.
जानकारी के मुताबिक़ 1 मई की दोपहर में पटना पहुंचे प्रशांत किशोर अब अपनी पार्टी लांच करने की तैयारी कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि राजधानी पटना के पॉश इलाके में उनका ऑफिस तैयार हो गया है. इस ऑफिस को सक्रिय भी कर दिया गया है. पटना में उनका तीन फ्लोर का ऑफिस बन कर तैयार है, लेकिन इसकी अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पायी है. प्रशांत किशोर फिलहाल मीडिया के कैमरों में भी कैद नहीं हो सके हैं.
प्रशांत किशोर पटना प्रवास पर हैं. वो अपनी नयी पार्टी लांच करने की तैयारी में हैं. इस बात की चर्चा से सियासी माहौल बहस मय हो चुका है. उपमुख्यमंत्री रेनू देवी ने प्रशांत किशोर के सक्रिय राजनीति में आने और नयी पार्टी बनाने के सवाल पर कहा कि पार्टी तो कोई भी बना सकता है. जनता के हित में काम करने वाले से जनता जुड़ती है. वो आयें और जनता से जुड़ें. उनके या किसी के आने से बिहार में राजग या बीजेपी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा है. हमारा जनाधार मजबूत है और जनता को हमारे नेतृत्व पर भरोसा है.
इधर, जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो पप्पू यादव ने बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि बिहार की राजनीति में अच्छे लोगों की जरूरत है. पप्पू यादव ने कहा कि बिहार की राजनीति में जाति के समीकरण का बड़ा घालमेल है. ऐसे में पीके को बड़ा संघर्ष करना पड़ेगा. पप्पू यादव ने कहा कि राजनीति में ऐसे लोगों को आगे आना चाहिए. बिहार की राजनीति में पिछले 25-30 वर्षों से काबिज नाकारे लोगों की जगह अच्छे लोग आयें तो उनका स्वागत है.

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पिछले 30 वर्षों से मिशनरी पत्रकारिता करने वाले अखिलेश अखिल की पहचान प्रिंट, टीवी और न्यू मीडिया में एक खास चेहरा के रूप में है। अखिल की पहचान देश के एक बेहतरीन रिपोर्टर के रूप में रही है। इनकी कई रपटों से देश की सियासत में हलचल हुई तो कई नेताओं के ये कोपभाजन भी बने। सामाजिक और आर्थिक, राजनीतिक खबरों पर इनकी बेबाक कलम हमेशा धर्मांध और ठग राजनीति को परेशान करती रही है। अखिल बासी खबरों में रुचि नहीं रखते और सेक्युलर राजनीति के साथ ही मिशनरी पत्रकारिता ही इनका शगल है। कंटेंट इज बॉस के अखिल हमेशा पैरोकार रहे है।

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