Friday, April 19, 2024
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आरएसएस के वरिष्ठ नेताओं ने प्रमुख मुस्लिम हस्तियों से मुलाकात की

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस के वरिष्ठ नेताओं ने दिल्ली में पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग के आवास पर पहुंच कर कुछ मुस्लिम बड़ी जमातों और बड़े और अहम नेताओं के साथ बंद कमरे में मुलाकात की है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मीटिंग में हेट स्पीच, दंगे, मॉब लींचिंग, सरकार द्वारा आबादी पर बुलडोज़र चलाने और काशी मथुरा के मंदिर जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई है.

14 जनवरी को आरएसएस नेताओं के प्रतिनिधिमंडल जिसमें राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संरक्षक इंद्रेश कुमार, वरिष्ठ आरएसएस प्रचारक राम लाल और कृष्ण गोपाल शामिल थे. जबकि मुस्लिम पक्ष की ओर से दिल्ली के पूर्व एलजी नजीब जंग, पूर्व चुनाव आयुक्त शहाबुद्दीन याकूब कुरैशी, पत्रकार एवं पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी, होटल मालिक सईद शेरवानी शामिल रहे. जबकि एएमयू के पूर्व कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल सेवानिवृत्त. जमीरुद्दीन शाह बैठक में नहीं पहुंच सके.

ये बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण थी, क्योंकि इस बैठक में जमात-ए-इस्लामी हिंद, जमीयत उलेमा-ए-हिंद और दारुल उलूम देवबंद के धार्मिक नेता भी उपस्थित थे. इससे पहले 13 जनवरी को मुस्लिम धार्मिक संस्थाओं के नेताओं और बुद्धिजीवियों ने आरएसएस प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक पूर्व पॉइंट्स तैयार करने के लिए पत्रकार शहीद सिद्दीकी के निवास पर नजीब जंग से मिले थे.

आरएसएस प्रतिनिधमंडल के साथ बातचीत के बाद पत्रकार शाहिद सिद्दीकी ने कहा कि हमारी एक और सुखद बैठक हुई है. जिसमें मुसलमानों को एक किनारे डाल दिए जाने पर समाज की चिंताओं से अवगत कराया गया है. उन्होंने कहा कि वह अन्य शहरों में फिर से मिलने के लिए काफी पुर-उम्मीद हैं.

जमात-ए-इस्लामी हिंद के राष्ट्रीय सचिव मलिक मोतसिम खान ने बताया कि आरएसएस नेताओं के सामने अभद्र भाषा का मुद्दा उठाया गया, जिस पर आरएसएस के नेता इस बात पर सहमत हुए कि इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की बदनामी हुई है. तीन घंटे तक चली मैराथन मीटिंग में यह भी प्रतिबद्धता दोहराई गई कि इस तरह की बैठकें अन्य शहरों में भी रखी जाएंगी.

बता दें कि इससे पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पहली बार पिछले साल 22 अगस्त को पांच बड़े मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मिले थे.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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