Home ताज़ातरीन अफजाल अंसारी की सांसद सदस्यता खत्म, चार साल की सजा के बाद लोकसभा सचिवालय ने जारी किया सर्कुलर

अफजाल अंसारी की सांसद सदस्यता खत्म, चार साल की सजा के बाद लोकसभा सचिवालय ने जारी किया सर्कुलर

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अफजाल अंसारी की सांसद सदस्यता खत्म, चार साल की सजा के बाद लोकसभा सचिवालय ने जारी किया सर्कुलर

नई दिल्ली: गाजीपुर लोकसभा सीट से बीएसपी सांसद और माफिया मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया है. अयोग्य घोषित किए जाने से संबंधित सर्कुलर लोकसभा सचिवालय ने जारी कर दिया है.

अफजाल अंसारी को आपराधिक मामले में 4 साल के लिए दोषी ठहराया गया है. इससे पहले गैंगस्टर केस में गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी और उसके बड़े भाई सांसद अफजाल अंसारी को दोषी करार दिया था.

पिछले शनिवार यानी 29 अप्रैल को ही कोर्ट ने मुख्तार को 10 साल की सजा और पांच लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी, जबकि उनके बड़े भाई और बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी को चार साल की सजा सुनाई थी. साथ ही उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था.

अफजाल अंसारी से पहले कांग्रेस नेता और वैनाङ से सांसद राहुल गांधी, सपा नेता और रामपुर सीट से सांसद आजम खान और उनके विधायक बेटे अब्दुल्ला की भी सदस्यता सजा होने के बाद जा चुकी है. इसके अलावा बीजेपी विधायक विक्रम सैनी की भी हाल ही में 2013 दंगों में दोषी करार दिए जाने के बाद सदस्यता खत्म कर दी गई थी.

बता दें कि बीजेपी विधायक और माफिया कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में दर्ज केस के आधार पर अफजाल अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर का केस दर्ज हुआ था. वहीं, मुख्तार अंसारी के खिलाफ बीजेपी विधायक और माफिया कृष्णानंद राय और नंदकिशोर गुप्ता रुंगटा की हत्या के मामले में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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