Sunday, September 8, 2024
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सऊदी अरब में सात साल बाद ईरानी दूतावास फिर से खुल गया

रियाद: सऊदी अरब में ईरान का दूतावास 7 साल बाद एक बार फिर से खुल गया है. दूतावास का मेन गेट खोल कर एक टीम ने इसका निरीक्षण किया.

विदेशी समाचार एजेंसियों गल्फ न्यूज और अलमनेटर के अनुसार, ईरान की तकनीकी निरीक्षण टीम ने बंद दूतावास का में गेट खोला और इमारत का अच्छी तरह से निरीक्षण किया.

गौरतलब हो कि ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि एक तकनीकी प्रतिनिधिमंडल जल्द ही सऊदी अरब भेजा जाएगा, फिलहाल यह तकनीकी प्रतिनिधिमंडल रियाद में मौजूद है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने इस संबंध में कहा था कि ईरानी प्रतिनिधिमंडल रियाद और जेद्दाह में दूतावास और वाणिज्य दूतावास खोलने के लिए जल्द ही आवश्यक कदम उठाएगा.

याद रहे कि राजनयिक मिशन 2016 में उस समय बंद हो गया था जब तेहरान में सऊदी अरब के दूतावास पर हमले बाद रियाद ने ईरान के साथ राजनयिक संबंध तोड़ दिए थे.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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