Friday, November 22, 2024
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लखनऊ में कांग्रेस के नवसंकल्प शिविर के क्या मायने हैं ?

 

अखिलेश अखिल

 

लखनऊ में कांग्रेस नवसंकल्प चिंतन शिविर चला रही है. दो दिनों के इस शिविर में कई मसलों पर बात होनी है और साथ ही यूपी चुनाव में हार की समीक्षा भी होनी है. आज शिविर का आखिरी दिन है. यूपी की प्रभारी प्रियंका गाँधी ने कल कई मसलो पर अपनी राय रखी है. पार्टी को जनता से कैसे जोड़े इस पर काफी कुछ कहा है. यह बात और है कि पार्टी के भीतर ही अभी विद्रोह है और पार्टी के कई नेता आलाकमान से नाराज भी हैं. इस नाराजगी को पार्टी कैसे दूर करेगी, सबसे बड़ा सवाल यही है.

प्रियंका ने कहा कि कांग्रेस वो पार्टी है जो बीजेपी के सामने झुकेगी नहीं और न ही पीछे हटेगी. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बहुत मजबूती से बिना निराश हुए लड़ाई लड़ी. मुझे पूरा विश्वास है कि आगे हम सीखेंगे और दोगुनी ताकत से लड़ेंगे. यही हमारा संकल्प है.

यूपी विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद पहली बार लखनऊ पहुंचीं प्रियंका ने कहा कि जितना काम हमने किया, जितनी मेहनत हमने की, उससे 100 गुना ज्यादा करना पड़ेगा. हम कांग्रेस के लोग हैं और हम देश की परिस्थितियों को समझते हैं. हमें दोगुनी मेहनत से अपनी बातों को जनता के बीच ले जाना होगा.

प्रियंका शिविर में नेताओं के सुझावों पर मंथन करेंगी. 9 अगस्त से होने वाली पदयात्रा का खाका भी तैयार किया जाएगा. जिलावार 75-75 किमी यात्राएं निकाली जाएंगी. शिविर में डिजिटल मेंबरशिप बढ़ाने, नगर निकाय के चुनाव और संगठन में होने वाले बदलाव पर भी चर्चा की जाएगी. पार्टी को आर्थिक तौर पर मजबूत करने पर भी विचार किया जाएगा. पार्टी ने तय किया है कि 50 फीसदी युवाओं को चुनाव व संगठन में जिम्मेदारी दी जाएगी. सामाजिक न्याय में महिलाओं की भागीदारी पर भी विचार किया जाएगा.

चिंतन शिविर में प्रदेश मुख्यालय में प्रियंका यूपी के राष्ट्रीय पदाधिकारी, प्रदेश पदाधिकारी, सभी फ्रंटल संगठनों के प्रदेश अध्यक्ष, 2019 के लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी और 2022 के विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों के साथ दो दिन तक बैठक करेंगी. प्रियंका गांधी शिविर के निष्कर्षों को प्रदेश के नेताओं के साथ साझा करेंगी. इसके अलावा छोटे-छोटे समूह बनाकर अलग-अलग चर्चा कर संगठन को मजबूत करने के संबंध में सुझाव लेंगी. अजय लल्लू के इस्तीफा देने के बाद अभी तक नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हुई है, इसलिए उम्मीद है कि अध्यक्ष को लेकर भी प्रियंका कुछ संभावित नामों पर चर्चा कर सकती हैं.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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