Thursday, November 21, 2024
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मेघालय सेक्स रैकेट : आरोपी बीजेपी नेता बर्नाड हापुड़ से गिरफ्तार

 

बीजेपी के नेता संसद में देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अपमान पर पिछले दिनों कांग्रेस को घेरने में खूब हल्ला बवाल मचाते रहे. गलती से कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के जुबान से राष्ट्रपति की जगह राष्ट्रपत्नी शब्द निकल गया था. बीजेपी नेताओं ने इसके लिए पुरे कांग्रेस समेत सोनिया गाँधी को भी लपेटे में लिया और उनसे माफ़ी की मांग की. बीजेपी का कहना था कि अधीर का बयान सोनिया गाँधी के इशारे पर निकला है. क्योंकि कांग्रेस एक आदिवासी राष्ट्रपति को पचा नहीं पा रही है. उधर अधीर रंजन ने संसद में भी इस पर माफ़ी मांगी और राष्ट्रपति से लिखित रूप से माफ़ी मांग कर बीजेपी की कलई खोल दी.

यह सच है कि राष्ट्रपति का अपमान कतई बर्दास्त नहीं किया जा सकता. लेकिन जुबान फिसलने को राजनीतिक रंग दे दिया जाए तो उसे क्या कहा जा सकता है. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी इस मसले को खूब रंग दे गई. लेकिन मजे की बात तो यह है कि आदिवासी राष्ट्रपति को लेकर स्मृति समेत तमाम बीजेपी के नेता अपना आपा खोते नजर आ रहे थे वही बीजेपी के नेता मेघलाय के बीजेपी उपाध्यक्ष बर्नाड एन मराक द्वारा कथित रूप से चलाये जा रहे सेक्स रैकेट और आदिवासी महिलाओं, लड़कियों के साथ किये गए उसके कृत्य पर मौन साधे रहे. राजनीति का यह पाखंड और दोहरा चरित्र बहुत कुछ कहता है. बीजेपी नेता बर्नाड कौन है और उसने क्या किया है उसकी कलई खोलने की जरूरत है ताकि बीजेपी को सच का पता चल सके.

पहली बात तो यही कि बीजेपी की मेघालय इकाई के उपाध्यक्ष बर्नार्ड एन मराक को अपने फार्म हाऊस पर कथित रूप से वेश्यालय चलाने को लेकर उत्तर प्रदेश के हापुड़ से गिरफ्तार किया कर लिया गया है. मेघालय से भागकर ये यूपी में पहुंचे थे ताकि बीजेपी सरकार की सरपरस्ती मिल सके और अपना चेहरा छुपा सकें. लेकिन बर्नाड सफल नहीं हो सके. मेघालय की पुलिस हापुड़ पहुँच कर उसे ले गई.

दरअसल, मेघालय पुलिस ने पश्चिम गारो पर्वतीय जिले में पूर्व उग्रवादी नेता मराक के फार्म हाऊस पर छापा मारा था जहां से उसने छह नाबालिगों को मुक्त कराया था एवं 73 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया था. तब से मराक फरार चल रहे थे. पश्चिम गारो पर्वतीय जिले के पुलिस अधीक्षक विवेकानंद सिंह ने कहा, ‘‘बर्नार्ड एन मराक उर्फ तूरा के रिंपू को उत्तर प्रदेश में गिरफ्तार किया गया है. सिंह ने बताया कि मेघालय पुलिस द्वारा मराक के विरूद्ध लुक आऊट नोटिस जारी किये जाने के कुछ घंटे बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें हापुड़ में गिरफ्तार कर मेघालय पुलिस को सौप दिया है.

इस बीच हापुड़ के पुलिस अधीक्षक दीपक भुकर ने बताया कि बर्नार्ड एन मारक उर्फ रिंपू को हापुड़ जिले के पिलखुवा इलाके से गिरफ्तार किया गया है. किसी के विरूद्ध लुकआउट नोटिस इसलिए जारी किया जाता है ताकि वह देश छोड़कर न भाग पाए. तूरा की एक अदालत ने बीजेपी नेता के विरूद्ध गिरफ्तारी का गैर जमानती वारंट जारी किया था.

बता दें कि बीजेपी, मुख्यमंत्री कोनराड संगमा (एनपीपी) के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ मेघालय लोकतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा है. मेघालय पुलिस ने कहा कि बीजेपी उपाध्यक्ष को जांच में सहयोग करने एवं शिलांग सदर थाने में आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया गया था लेकिन वह गिरफ्तारी से बचते फिर रहे थे.

बर्नाड के इतिहास को देखें तो वह उग्रवादी रहा है. उग्रवादी से नेता बने मराक ने दावा किया है कि वह बेगुनाह हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि वह मुख्यमंत्री की बदले की राजनीति के शिकार हैं और उन्हें अपनी जान का खतरा है. प्रदेश बीजेपी ने भी उनके दावे का समर्थन किया है. भला बीजेपी अपने दमन पर दाग कैसे लगा सकती है.

उधर, आरोप का खंडन करते हुए उप मुख्यमंत्री प्रिस्टोन टिनसोंग ने कहा कि सरकार पुलिस को कानून के अनुसार काम करने की छूट देती है. उन्होंने कहा, ‘‘ कानून, कानून होता है और उस पर इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि व्यक्ति किस पार्टी से है तथा वह सरकार का हिस्सा है या नहीं. दुखद चीजें हुई हैं और हम कानून को अपना काम करने देंगे. ’’ पुलिस ने पहले कहा कि उसने गुप्त सूचना के आधार पर छापा मार कर नाबालिगों को मुक्त कराया, और फार्म हाऊस से शराब की बोतलें, और 500 से ज्यादा कंडोम और दर्जनों कारें जब्त कीं.

बता दें कि मराक के विरूद्ध भादंसं तथा अनैतिक तस्करी (रोकथाम) अधिनियम 1956 की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप हैं. उनके विरूद्ध मेघालय में 2000 के शुरुआती समय से 25 से अधिक आपराधिक मामले चल रहे हैं. वह अब अस्तित्व में नहीं रहे सशस्त्र विद्रोही संगठन एएनवीसी (बी) के अध्यक्ष रह चुके हैं. एएनवीसी (बी) आचिक नेशनल वोलंटियर काउंसिल का पृथक धड़ा रहा है. बाद में वह बीजेपी में शामिल हुए और उन्होंने तूरा से जनजातीय परिषद चुनाव जीता.

पश्चिम गारो हिल्स जिले के पुलिस अधीक्षक विवेकानंद सिंह ने बताया कि खुफिया सूचना के आधार पर उग्रवादी से नेता बने मारक के स्वामित्व वाले फार्महाउस रिंपू बागान पर छापा मारा गया था. सिंह ने कहा, ‘हमने छह नाबालिग बच्चों (चार लड़के और दो लड़कियां) को बचाया है, जो कि रिंपू बागान के गंदे कमरों में बंद पाए गए, जिसे बर्नार्ड एन. मारक और उनके सहयोगियों द्वारा वेश्यावृत्ति के उद्देश्य से वेश्यालय के रूप में चलाया जाता था.’

उन्होंने कहा कि सभी बच्चों को सुरक्षित अभिरक्षा और कानून के अनुसार आवश्यक कार्रवाई के लिए जिला बाल संरक्षण अधिकारी (डीसीपीओ) को सौंप दिया गया है. उन्होंने बताया कि छापेमारी में 27 वाहन, आठ दोपहिया वाहन, लगभग 400 बोतल शराब, 500 से अधिक कंडोम और क्रॉसबो (धनुष जैसा यंत्र) और तीर जब्त किए गए. अधिकारी ने कहा कि 73 लोगों को ‘नापाक गतिविधियों’ में लिप्त होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. अधिकारी ने कहा कि फार्महाउस में 30 छोटे कमरे हैं.

उन्होंने आशंका जताई कि यह वही जगह है, जहां एक लड़की का यौन उत्पीड़न किया गया था और इस संबंध में फरवरी 2022 में मामला दर्ज किया गया था. उन्होंने बताया कि लड़की के परिजनों ने उसका पता रिंपू बागान से लगाया था.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक सिंह ने कहा, ‘यह पता चला है कि एक सप्ताह में कई बार नाबालिग का यौन उत्पीड़न किया गया था और आईपीसी की धारा 366ए (नाबालिग लड़की की खरीद), 376 (बलात्कार के लिए सजा) और पॉक्सो अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.’

पीड़िता ने अदालत को बताया था कि आरोपी उसे और उसकी दोस्त को रिंपू बागान ले गए थे. उन्होंने कहा कि आरोपी व्यक्तियों ने वहां एक कमरा किराये पर लिया और कई बार उसका यौन शोषण किया.

छापेमारी के दौरान पुलिस को कई युवक और युवतियां बिना कपड़े और शराब के मिले. उन्होंने कहा कि सभी 68 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. संपत्ति के प्रबंधक, कार्यवाहक और तीन कर्मचारियों को भी गिरफ्तार किया गया है.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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