Friday, October 18, 2024
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महिला आरक्षण बिल को मोदी कैबिनेट से मिली मंजूरी, मंगलवार को ही संसद में हो सकता है पेश

संसद के विशेष सत्र के बीच सोमवार को मोदी कैबिनेट ने बड़ा कदम उठाते हुए महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी है. प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लोकसभा और विधानसभाओं जैसी निर्वाचित संस्थाओं में 33 फीसदी महिला आरक्षण को मंजूरी दे दी गई है.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक महिला आरक्षण बिल को 19 सितंबर यानी मंगलवार को संसद में पेश किया जा सकता है. सूत्रों ने बताया कि दोपहर एक बजे के बाद इसे लोकसभा में पेश किए जाने की संभावना है. सरकार की कोशिश है कि इसे व्यापक चर्चा के बाद बुधवार को पास करवा लिया जाए.

इससे पहले संसद का विशेष सत्र शुरू होने से ठीक पहले सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संसद का सत्र छोटा है लेकिन समय के हिसाब से बहुत बड़ा, मूल्यवान और ऐतिहासिक निर्णयों का है.

बता दें कि पिछले कुछ हफ्तों में कांग्रेस, बीजू जनता दल और भारत राष्ट्र समिति सहित कई दलों ने महिला आरक्षण बिल को पेश करने की सरकार से मांग की थी.

बता दें कि महिला आरक्षण बिल पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की सरकार के समय 12 सितंबर 1996 को संसद में पेश किया गया था. तब से लेकर अब तक ये बिल 27 वर्षों से ज्यादा समय से लंबित है. इस विधेयक का मुख्य लक्ष्य महिलाओं के लिए लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं में 15 साल के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित करना है.

उसके बाद पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने 1998 में लोकसभा में इस बिल को आगे बढ़ाया, लेकिन ये फिर भी पारित नहीं हुआ. यूपीए-1 की सरकार के दौरान 6 मई, 2008 को इस विधेयक को राज्यसभा में दोबारा पेश किया गया. महिला आरक्षण विधेयक 9 मई, 2008 को स्टैंडिंग कमेटी को भेजा गया. स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट 17 दिसंबर, 2009 को प्रस्तुत की गई. केंद्रीय कैबिनेट ने फरवरी 2010 में इस विधेयक को मंजूरी दे दी. इसके बाद 9 मार्च, 2010 को राज्यसभा से पारित हो गया, लेकिन लोकसभा में लंबित था.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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