Thursday, December 26, 2024
होमदेशजम्मू कश्मीर में फलाह - ए -आम ट्रस्ट द्वारा संचालित सभी स्कूल...

जम्मू कश्मीर में फलाह – ए -आम ट्रस्ट द्वारा संचालित सभी स्कूल बंद करने के आदेश जारी

 

जम्मू कश्मीर सरकार ने प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर से संबद्ध फलाह-ए-आम ट्रस्ट की ओर से संचालित सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी किया है. इन सभी स्कूलों को 15 दिन में सील कर दिया जाएगा. इनमें अध्ययनरत विद्यार्थियों को पास के स्कूलों में समायोजित किया जाएगा. नए सत्र में इन स्कूलों में दाखिला नहीं होगा.
राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) की जांच के बाद स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव बीके सिंह की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि जिला प्रशासन के परामर्श से इन स्कूलों को सील किया जाएगा. उन्होंने सभी मुख्य शिक्षा अधिकारी, प्रधानाचार्य तथा जोनल अफसरों से इन विद्यार्थियों की दाखिला प्रक्रिया में हर संभव मदद करने को कहा है. इन स्कूलों के बारे में व्यापक पैमाने पर जागरूकता फैलाने को कहा गया है.
बता दें कि एसआईए की जांच में फलाह – ए – आम ट्रस्ट द्वारा अवैध कार्य किए जाने, धोखाधड़ी, बड़े पैमाने पर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने के आरोप लगाए गए थे. एफएटी कट्टरपंथी संस्था जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर से संबद्ध है, जिसे गृह मंत्रालय ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्रतिबंधित कर रखा है.
अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर एफएटी स्कूलों, मदरसों, अनाथालयों, मस्जिदों और अन्य परोपकारी कार्यों से अपना काम चलाता है. इस तरह के संस्थानों ने 2008, 2010 और 2016 में बड़े पैमाने पर अशांति फैलाने में विनाशकारी भूमिका निभाई, जिससे आम लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ीं.
अधिकारियों ने बताया कि हैरानी की बात है कि एफएटी के 300 से अधिक स्कूल अवैध रूप से अधिगृहित सरकारी और सामुदायिक भूमि पर पाए गए हैं, जहां जमीन पर जबरदस्ती व बंदूक के बल पर कब्जा किया गया था. साथ ही राजस्व अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर धोखाधड़ी और जालसाजी करके राजस्व दस्तावेजों में गलत संस्थाएं बनाईं गईं.
एसआईए ने पहले ही इस तरह के मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली है. एजेंसी जांच के दायरे का विस्तार कर रही है, ताकि उन सभी धोखाधड़ी, अनधिकृत संस्थाओं और जालसाजी का पता लगाया जा सके जो पिछले 30 वर्षों में आतंकवादियों के इशारे पर कायम की गई हैं.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
RELATED ARTICLES

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Most Popular

Recent Comments