Thursday, November 21, 2024
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चारो तरफ से घिर चुकी इमरान सरकार क्या बच पायेगी ?

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का क्या होगा कहना मुश्किल है. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट तो यही बता रही है कि इमरान सरकार चारो तरफ से घिर चुकी है. उनकी पार्टी के दो दर्जन से ज्यादा सांसद विपक्ष के खेमे में जा चुके हैं और सरकार अल्पमत में आ चुकी है लेकिन पीएम इमरान के हौशले अब भी बुलंद हैं. खबर के मुताबिक 25 से 28 मार्च के बीच उनके खिलाफ नेशनल असेंबली में नो कॉन्फिडेंस मोशन यानी अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हो सकती है. उधर, बुधवार को इमरान ने कहा, ‘मेरा इस्तीफा मांगने वाले सुन लें, मैं आखिरी बॉल तक खेलना जानता हूं. इस्तीफा नहीं दूंगा. मेरे पास तुरुप के पत्ते बाकी हैं. इन्हें देखकर दुनिया हैरान रह जाएगी. ‘मीडिया से बातचीत में खान ने कहा, अपोजिशन के पास कुछ न कहने और करने को नहीं है. मैं उन्हें बहुत बड़ा सरप्राइज देने जा रहा हूं. उन्होंने तो अपने पत्ते खोल दिए, लेकिन मैं इन्हें वक्त पर ही खेलूंगा. नेशनल असेंबली में नो-कॉन्फिडेंस मोशन आने दीजिए. फिर देखते हैं क्या होता है. ये कभी कामयाब नहीं होंगे. पीएम इमरान ने आगे कहा कि ” चाहे जो हो जाए, मैं किसी कीमत पर इस्तीफा नहीं दूंगा. आखिरी बॉल तक मैच खेलूंगा. विपक्ष तो खुद प्रेशर में है। इससे ज्यादा मैं अभी कुछ नहीं कहूंगा.”
इमरान ने एक बार फिर विपक्षी नेताओं को चोर और डाकू करार दिया. उन्होंने कहा- मैं शरीफ या जरदारी से हाथ नहीं मिलाउंगा. ऐसे करप्ट लोगों के साथ मैं खड़ा होना भी पसंद नहीं करता. एक तरह से उन्होंने ताकतवर फौज को भी धमकी दे दी. कहा- किसी को यह मुगालता नहीं पालना चाहिए कि मैं घर बैठ जाउंगा. जो कहते हैं कि मुझे इस्तीफा दे देना चाहिए, उन्हें ये भी बताना चाहिए कि मैं इस्तीफा क्यों दूं? क्या मैं चोरों के आगे झुक जाऊं? मुल्क की सियासत को कंट्रोल ऐसे नहीं किया जा सकता. हमारी अपोजिशन दरअसल, ब्रांड ऑफ करप्शन है.
इमरान के बयानों को गौर से देखें तो पता चलता है कि कोई ऐसी बात है जो उन्हें हिम्मत दे रही है. यह हिम्मत सुप्रीम कोर्ट से सम्बंधित हो या फिर विपक्षी कमजोरी की वजह से हो. इमरान को अभी भी लग रहा है कि उनकी पार्टी के जो सांसद उनके खिलाफ हैं, समय के साथ फिर उनके पाले में आ जायेंगे, या संभव है कि इमरान कोई और बड़ा जाल बन रहे हों.
लेकिन सच्चाई यही है कि अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रही पाकिस्तान की इमरान सरकार पर संकट और गहरा गया है. प्रधानमंत्री इमरान की सरकार के ही 24 सांसद बागी हो गए हैं. सूत्रों के अनुसार सरकार को समर्थन दे रहीं तीन पार्टियों एमक्यूएम पी, पीएमएल क्यू और बीएपी भी अविश्वास प्रस्ताव पर समर्थन देने को तैयार हो गई हैं. इन तीनों पार्टियों के 17 सांसद हैं. 342 सांसदों वाली पाकिस्तान की संसद में इमरान की पार्टी पीटीआई के अपने 155 सांसद हैं. सरकार को कुल 176 सांसदों का समर्थन है.
इमरान की पार्टी के बागी सांसद नूर आलम खान का कहना है कि अब वापसी का कोई रास्ता नहीं बचा है. इमरान सरकार के दिन पूरे हो गए हैं. पीटीआई के एक और बागी सांसद रमेश कुमार वंकवानी का दावा है कि पार्टी में बागियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. वंकवानी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ हम वोटिंग कर नए चुनाव के लिए तैयारी करेंगे. पाकिस्तान में संयुक्त विपक्षी मोर्चा PDM के वरिष्ठ सदस्य मौलाना गफूर हैदरी का कहना है कि हमारे सांसद एकजुट हैं. इमरान सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है. सरकार के सहयोगी दल भी साथ छोड़ रहे हैं.
विपक्ष का एक सूत्री एजेंडा इमरान सरकार को उखाड़ फेंकना है. इस बीच पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) की मरियम नवाज का कहना है कि इमरान सरकार ने विश्वास खो दिया है. इस सरकार का जाना अब तय है. मरियम ने सेना का नाम लिए बिना कहा कि इमरान सरकार को अब अन्य संस्थाओं का विश्वास भी नहीं है. ऐसे में उनकी सरकार बड़े खतरे में है.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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