Sunday, December 22, 2024
होमताज़ातरीनकर्नाटक हिजाब मामले पर सुप्रीम कोर्ट के जजों की अलग अलग राय,...

कर्नाटक हिजाब मामले पर सुप्रीम कोर्ट के जजों की अलग अलग राय, मामला संवैधानिक बेंच को ट्रांसफर

सुप्रीम कोर्ट को दो सदस्य बेंच ने हिजाब विवाद पर अपनी अलग अलग राय जाहिर कर दी है. अपना फैसला सुनाते हुए जस्टिस धूलिया ने कर्नाटक सरकार के आदेश को खारिज कर दिया है. जस्टिस धूलिया ने छात्राओं की शिक्षा का ध्यान रखते हुए अपना बड़ा फैसला सुनाया, जबकि बेंच के दूसरे जज जस्टिस गुप्ता ने बैन के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की अर्जी को ही खारिज कर दिया. जस्टिस गुप्ता ने कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को बाकी रखते हुए हिजाब बैन के खिलाफ दाखिल अर्जी को खारिज कर दिया. दोनों जजों की राय अलग अलग होने को सूरत में अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच को सुनवाई के लिए भेज दिया गया है. अब हिजाब मामले की सुनवाई तीन जजों की बेंच करेगी.

बता दें कि पिछले महीने हिजाब विवाद पर दोनों पक्षों की दलीलें खत्म होने के बाद शीर्ष अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. मुस्लिम पक्ष ने करीब 6 दिन तक कोर्ट में दलील रखी थी, जबकि उडुपी जिले के स्कूल के शिक्षकों की तरफ से दो दिनों तक दलीलें दी गई थीं. सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी पक्ष की सुनवाई शुरू होने के बाद मुस्लिम पक्ष को रिजॉइंडर रखने का वक्त दिया. इस दौरान वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे एवं अन्य वकीलों ने अपनी अपनी दलीलें पेश की थी.

इस बीच सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई है. कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा है कि हिजाब पर बैन को लेकर कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला सुप्रीम कोर्ट के आखरी फैसला आने तक लागू रहेगा. जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने की इजाजत होनी चाहिए. उधर समाजवादी पार्टी से सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा है कि अगर लड़कियों को हिजाब नहीं पहनने दिया जाएगा तो समाज में बे- परदागी बढ़ेगी. बर्क ने बीजेपी पर तीखा हमला बोलते हुए समाज को बिगड़ने वाला करार दिया है.

गौरतलब है कि 1 जुलाई 2021 को गवर्नमेंट पीयू कॉलेज फॉर गर्ल्स ने कॉलेज यूनिफॉर्म का हवाला देते हुए मुस्लिम छात्राओं को स्कूलों में हिजाब पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद मुस्लिम छात्राओं ने पहले कर्नाटक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया मगर कर्नाटक हाई कोर्ट ने छात्राओं की अपील खारिज कर कॉलेज के हिजाब बैन के फैसले को सही माना था. इसके बाद मुस्लिम छात्राओं ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. जहां लंबी सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट के जजों नेहीजाब को लेकर अपनी अलग अलग राय जाहिर की है. जिसके बाद अब ये मामला बड़ी संवैधानिक बेंच को ट्रांसफर किया गया है.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
RELATED ARTICLES

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Most Popular

Recent Comments