Sunday, September 8, 2024
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अब पीएम मोदी को नोबेल पुरस्कार देने की उठी मांग

अखिलेश अखिल

प्रधानमंत्री मोदी को अब नोबेल पुरस्कार देने की मांग उठने लगी है. हालांकि बीजेपी और संघ से जुड़े कई लोग पहले भी इस तरह की आवाज उठा चुके हैं लेकिन अब बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सीईओ आशीष चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोबेल पुरस्कार देने पर विचार किया जाना चाहिए. इसके लिए चौहान ने कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार की उपलब्धियों को गिनाया. साथ ही उन्होंने कहा कि देश के गरीबों को मिली मानवीय सहायता के लिए भारतीय नागरिक के तौर पर हमें गर्व होना चाहिए.
चौहान ने इसके लिए तर्क भी दिया है. चौहान का मत है कि ‘कोविड के दौरान 80 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री मुफ्त राशन उपलब्ध कराने की सीमा में हमें सभी सुविधाएं देने के लिए हम सरकार के आभारी हैं. आज भी यह अविश्वसनीय काम जारी है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने यह सब कर दिखाया. पीएम मोदी के इस काम को दुनिया भर के लोगों ने देखा है. चौहान ने बीते साल नोबेल पुरस्कार पाने वाले संयुक्त राष्ट्र के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम और सरकार के प्रयासों की तुलना की.
बीते दिनों इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कलकत्ता के दीक्षांत समारोह में उन्होंने कहा कि लगभग 80 करोड़ लोगों को जिस फ्री राशन योजना ने फायदा पहुंचाया ‘वह उपलब्धि बीते साल नोबेल पुरस्कार पाने वाली यूनाइटेड नेशन के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम की तरफ से किए गए कार्यों से काफी ज्यादा बड़ी थी.’
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तौर पर पहचानी जाने वाली मुफ्त राशन स्कीम ने भारत के गरीब नागरिकों को अराजकता और दुख से बचाया है, जिसे हम चीन समेत अन्य देशों में फैलते हुए देख रहे हैं. दो साल से ज्यादा समय तक जितने लोगों को मुफ्त भोजन दिया गया, उनकी संख्या पूरे यूरोप या अमेरिका, मैक्सिको और कनाडा या पूरे दक्षिण अमेरिकी देशों से ज्यादा थी.’
उन्होंने कहा, ‘तुलना की जाए तो 2020 नोबेल पुरस्कार पाने वाले यूएन वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने भारत के 80 करोड़ लोगों की तुलना में 11.55 करोड़ लोगों को आंशिक रूप से सहायता दी, जो 2020-21 और 2022 में भारत की तरफ से की गई सहायता का लगभग 14 प्रतिशत है. क्या इसका मतलब है कि नोबेल पीस प्राइज कमेटी गंभीर होकर नोबेल पीस प्राइज देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार की मानवीय उपलब्धियों को देखेगी? यह देखा जाना बाकी है.’ इस दौरान उन्होंने भारत सरकार के टीकाकरण अभियान की भी तारीफ की.

अखिलेश अखिल
अखिलेश अखिल
पिछले 30 वर्षों से मिशनरी पत्रकारिता करने वाले अखिलेश अखिल की पहचान प्रिंट, टीवी और न्यू मीडिया में एक खास चेहरा के रूप में है। अखिल की पहचान देश के एक बेहतरीन रिपोर्टर के रूप में रही है। इनकी कई रपटों से देश की सियासत में हलचल हुई तो कई नेताओं के ये कोपभाजन भी बने। सामाजिक और आर्थिक, राजनीतिक खबरों पर इनकी बेबाक कलम हमेशा धर्मांध और ठग राजनीति को परेशान करती रही है। अखिल बासी खबरों में रुचि नहीं रखते और सेक्युलर राजनीति के साथ ही मिशनरी पत्रकारिता ही इनका शगल है। कंटेंट इज बॉस के अखिल हमेशा पैरोकार रहे है।
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