Thursday, December 26, 2024
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SFJ नामी संगठन ने जारी किया खालिस्तान का नया नक्शा, शिमला को बताया राजधानी

 

अखिलेश अखिल

खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस यानी SFJ ने पाकिस्तानी मीडिया के सामने प्रस्तावित खालिस्तान का नया नक्शा जारी किया है. इस नक़्शे में हिमाचल की राजधानी शिमला को प्रस्तावित खालिस्तान की राजधानी बताया गया है. SFJ के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू ने खिस्तान का नक्शा तो पेश किया ही है पंजाब की आजादी के लिए जनमत संग्रह की तारीख का भी ऐलान कर दिया है. पन्नू ने इसके लिए पंजाब सरकार से समर्थन की भी मांग की है. पन्नू न्यूयार्क में रहता है.
खबर के मुताबिक न्यूयार्क में रहने वाले पन्नू ने लाहौर प्रेस क्लब में बैठक की. इस बैठक में ‘पंजाब इंडिपेंडेंस रेफरेंडम’ की तारीखों का ऐलान किया गया. इसके अलावा पन्नू की तरफ से खालिस्तान का नक्शा भी पेश किया गया. उन्होंने दावा किया है कि शिमला खालिस्तान की ‘भविष्य की राजधानी’ होगी. खबर है कि SFJ के इस तथाकथित नक्शे में साल 1966 के पहले के पंजाब के क्षेत्र शामिल हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पन्नू ने पाकिस्तान के पत्रकारों को बताया कि ‘पंजाब इंडिपेंडेंस रेफरेंडम’ गणतंत्र दिवस के मौके पर 26 जनवरी 2023 से पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में शुरू होगा. भारत में यह अवैध है और सरकार ने इसे मान्यता नहीं दी है. खास बात है कि यह रेफरेंडम अनधिकृत रूप से 31 अक्टूबर 2021 को लंदन में शुरू हुआ था. इसके अलावा इसका आयोजन इटली और स्विट्जरलैंड में भी हो चुका है.
भारत में वॉन्टेड पन्नू ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को राजनायिक समर्थन देने की अपील की है. साथ ही उन्होंने पाकिस्तान सरकार से कहा है कि ‘नए और मित्र पड़ोसी’ को हासिल करने के इस मौके का फायदा उठाएं. पन्नू ने कहा, ‘एक बार आजाद होने के बाद खालिस्तान पाकिस्तान के साथ मिलकर दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन की जगह बदलेगा और इस क्षेत्र में जरूरी स्थिरता, शांति और समृद्धि लाएगा.’
हालांकि पाकिस्तान ने अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है लेकिन माना जा रहा है कि पन्नू जो कुछ भी करते दिख रहे हैं उसमे पाकिस्तान की पूरी सहभागिता है. भारत सरकार इस पूरी घटना को परख रही है और पंजाब सरकार को भी अलर्ट कर दिया गया है.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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