Friday, October 18, 2024
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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पीएम मोदी के बीच फोन पर हुई बात, वैनगर विद्रोह और यूक्रेन युद्ध पर चर्चा

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प्रधानमंत्रत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शुक्रवार को फोन पर वैगनार सैनिकों द्वारा विद्रोह और रूस-यूक्रेन युद्ध पर बातचीत हुई.

 

रूसी राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन ने एक बयान जारी कर बताया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने इसके अलावा द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने पर बात की है. दोनों नेताओं ने रूस और भारत के बीच विभिन्न क्षेत्रों में प्रमुख संयुक्त परियोजनाओं के निरंतर कार्यान्वयन के महत्व पर ध्यान दिया. साथ ही शंघाई सहयोग संगठन और G-20 में सहयोग को लेकर भी मोदी और पुतिन के बीच चर्चा हुई.

 

पुतिन ने इससे पहले गुरुवार को पीएम मोदी को मॉस्को का ‘शानदार मित्र’ बताया था. उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया अभियान का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभावशाली असर पड़ा है.

 

पुतिन ने कहा कि औद्योगिक और उत्पाद डिजाइन को घरेलू व्यापार के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन बनाया जाना चाहिए. उन्होंने रूस की एजेंसी फॉर स्ट्रैटेजिक इनीशिएटिव्स (एएसआई) की ओर से मॉस्को में आयोजित सम्मेलन में कहा, “जो चीज अच्छा काम कर रही है, उसका अनुकरण करने में कोई बुराई नहीं है, भले ही उसकी शुरुआत हमने नहीं, बल्कि हमारे दोस्तों ने की हो.”

येवगेनी प्रीगोझिन के नेतृत्व वाले प्राइवेट सैन्य बल वैनगर समूह ने पिछले शनिवार को विद्रोह कर दिया था. हालांकि जब इनके लोग मॉस्को से सिर्फ 400 किलोमीटर दूर थे, तब प्रीगोझिन ने अपने लड़ाकों को वापस बुलाने का फैसला किया था. प्रीगोझिन ने अचानक क्रेमलिन के साथ समझौते के बाद पीछे हटने की घोषणा की थी.

सऊदी विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर पहुंचे ईरान

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सऊदी विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर ईरान पहुंच गए हैं. इस दौरान सऊदी विदेश मंत्री ने अपने ईरानी समकक्ष से मुलाकात की है, साथ ही दोनों विदेश मंत्रियों ने प्रतिनिधिमंडल के स्तर पर भी बैठकें की हैं.

ईरानी मीडिया के मुताबिक, दौरे पर तेहरान पहुंचे सऊदी विदेश मंत्री प्रिंस फैसल तेहरान में सऊदी दूतावास का उद्घाटन भी करेंगे.

अपनी इस यात्रा के दौरान प्रिंस फैसल बिन फरहान ईरान के राष्ट्रपति डॉ. इब्राहिम रईसी से भी मुलाकात कर दो तरफा रिश्तों की मजबूती पर बात करेंगे. गौरतलब है कि ईरान ने 7 जून को सऊदी अरब में अपना दूतावास फिर से खोल दिया था.

दरअसल, सऊदी अरब में एक अहम शिया धर्म गुरू आयतुल्ला निम्र बक़िर और 46 अन्य लोगों को मौत की सज़ा दिए जाने के बाद ईरान में प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में तेहरान और मशहद शहर में सऊदी राजनयिक मिशन पर हमले किए गए थे.

याद रहे कि इस हमले के बाद ही तेहरान में सऊदी दूतावास पर हमले के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते तल्ख हो गए थे, और दोनों हो देशों ने 2016 में अपने राजनयिक संबंध तोड़ते हुए दूतावास भी बंद कर दिए थे. लेकिन चीन की मध्यस्ता के बाद दोनों ही देशों ने एक बार फिर अपने रिश्तों को बहाल कर लिया है.

UCC पर मुस्लिम संस्थाओं का विरोध, AIMPLB के बाद JUH भी बोली, हम विरोध करेंगे, सड़कों पर नहीं उतरेंगे

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लोकसभा चुनाव 2024 से पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर एक बार फिर सुगबुगाहट तेज़ हो गई है. देश की अधिकतर मुस्लिम संस्थाए लगातार इसका विरोध करती नजर आ रही हैं. अब ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बाद देश की एक बड़ी मुस्लिम संस्था जमीयते उलेमाए के प्रमुख और राबेता अल आलेमुल इस्लामी के सदस्य मौलाना सैय्यद अरशद मदनी का बयान सामने आया है.

जमीयत उलेमा ए हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने कहा, ‘हम यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध करेंगे, लेकिन सड़कों पर नहीं उतरेंगे. उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड का मकसद हिंदू और मुसलमान के बीच दूरी पैदा कर उन्हें एक दूसरे से दूर और उनको अलग करना है.’ मौलाना अरशद मदनी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि ये लोग बताना चाहते हैं कि जो काम देश की आजादी के बाद से मुसलमानों के खिलाफ किसी भी सरकार ने नहीं किया, हमने वो चोट मुसलमानों को लगा दी है.

मौलाना अरशद मदनी ने कहा, यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर हम सड़कों पर नहीं उतरेंगे क्योंकि अगर हम ऐसा करते हैं तो हमारे खिलाफ जो लोग हैं वो अपने मकसद में कामयाब हो जाएंगे और हम ऐसा नहीं चाहते. सियासी पार्टियां भी इस कोड को लेकर मान रही हैं कि यह सरकार का सियासी पहलू है, इसमें कोई हकीकत नहीं है.’

इससे पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी एक बयान जारी कर यूनिफॉर्म सिविल कोड पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. एसक्यूआर इलियास ने कहा कि, “साल 2016 में यही लॉ कमीशन था जिसने कहा था कि अगले 10 साल तक यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बात नहीं होनी चाहिए. उन्होंने सवाल करते हुए पूछा था कि ऐसे में अब लॉ कमीशन ने अपना नजरिया क्यों बदल लिया? बीजेपी आने वाले लोकसभा चुनाव में इसे एक मुद्दे के रूप में इस्तेमाल करना चाहती है. जहां तक यूसीसी की बात है तो देश को इसकी जरूरत नहीं है.”

याद रहे कि लॉ कमीशन ने लोगों से विचार विमर्श करने की प्रक्रिया एक बार फिर से शुरू कर दी है. वर्ष 2016 में भी लॉ कमीशन ने समान नागरिक संहिता कानून को लेकर धार्मिक संगठनों, राजनैतिक दलों और सिविल सोसाइटी से राय मांगी थी, उस समय लोगों का मूड जान लेने के बाद लॉ कमीशन ने सरकार सुझाव देते हुए कहा था कि अगले दस साल तक यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बात नहीं होनी चाहिए, यह कहते हुए यूसीसी के ड्रॉफ्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया था. मगर चुनाव आते ही एक बार फिर यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सुगबुगाहट को लेकर लोग इसे सरकार द्वारा राजनीति से प्रेरित कदम बता रहे हैं.

15 जून को कहर बरपा सकता है ‘बिपरजॉय’, NDRF – SDRF की टीमें तैनात, सेना ने भी संभाला मोर्चा

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चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ के 15 जून को गुजरात के कच्छ जिले से टकराने की संभावना है. इस बीच केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में चक्रवात से संबंधी तैयारियों का जायजा लेने के लिए राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की एक बैठक हुई. बैठक में चक्रवात के नुकसान को कम करने के लिए केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों और गुजरात प्रशासन की तैयारियों का जायजा लिया. बैठक में गुजरात के मुख्य सचिव, केंद्र सरकार के मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों, भारत मौसम विज्ञान विभाग और एनडीआरएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने मौजूद रहे.

इस बीच चक्रवात ‘बिपरजॉय’ के प्रभावों से निपटने में गुजरात प्रशासन की मदद करने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), सेना, नौसेना, वायुसेना और तटरक्षकों के दल और उपकरण आदि पर्याप्त संख्या में तैनात किए गए हैं. उधर ‘बिपरजॉय’ की तबाही से निपटने के लिए गुजरात सरकार ने कई एहतियाती कदम उठाए है. वहीं, चक्रवात के टकराने के बाद सेवाओं की फिर से बहाली के लिए पूरी तरह तैयार है.

गुजरात सरकार NDRF के अलावा राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) के दलों को तटीय इलाकों में तैनात कर रही है और छह जिलों में आश्रय केंद्र स्थापित किए जाएंगे. तूफान तटीय इलाके में किस स्थान पर जमीन से टकराएगा, उसके बारे में आने वाले दिनों में स्थिति स्पष्ट होगी.

बताया जा रहा है कि 13 से 15 जून के बीच भारी बारिश होने और 150 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार तक हवा चलने से कच्छ, जामनगर, मोरबी, गिर सोमनाथ, पोरबंदर, और देवभूमि द्वारका जिलों के चक्रवात से प्रभावित होने की संभावना है.

आईएमडी ने समुद्र में उतरे लोगों को तट पर लौटने और अपतटीय और तटवर्ती गतिविधियों को विवेकपूर्ण ढंग से नियंत्रित करने की सलाह दी है. इसने कहा कि सौराष्ट्र और कच्छ तट से लगे समुद्र में जल बुधवार तक अस्थिर रहेगा और गुरुवार को यह और बढ़ जाएगा.

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप: भारत की ऑस्ट्रेलिया के हाथों करारी हार

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ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराकर आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप जीत ली है. लंदन के ओवल क्रिकेट ग्राउंड में खेले गए फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 209 रन से हरा दिया.

मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने 469 रन बनाए लेकिन भारतीय टीम अपनी पहली पारी में 296 रन ही बना सकी. हालांकि ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी 8 खिलाड़ियों पर 270 रन बनाकर घोषित कर दी और भारत को जीत के लिए 444 रनों का लक्ष्य दिया.

लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने सतर्क शुरुआत की और चौथे दिन का खेल खत्म होने तक 3 खिलाड़ियों के नुकसान पर 163 रन बना लिए थे. पांचवें दिन ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के सामने भारतीय बल्लेबाजों की एक नहीं चली और पूरी टीम 234 रनों पर ढेर हो गई.

बता दें कि विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में भारत को हराने के बाद, अब ऑस्ट्रेलिया अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में विश्व टूर्नामेंट जीतने वाली पहली टीम बन गई. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबलों में, ऑस्ट्रेलिया ने पांच बार एक दिवसीय क्रिकेट विश्व कप, दो बार चैंपियंस ट्रॉफी और एक बार टी-20 विश्व कप जीता है.

गौरतलब है कि इससे पहले 2021 में भी भारत वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में न्यूजीलैंड से हार गया था.

ईरान परमाणु हथियार बनाना चाहे तो पश्चिमी देश उसे नहीं रोक सकते: आयतुल्ला अली खामेनेई

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ईरान के सर्वोच्च नेता डॉ. आयतुल्ला अली खमेनेई का कहना है कि अगर ईरान परमाणु हथियार बनाना चाहता है तो पश्चिमी देश उसे किसी कीमत पर भी नहीं रोक सकते हैं.

आयतुल्ला खामेनेई ने अपने एक बयान में कहा है कि ईरान के पास परमाणु हथियार होने की बात पूरी तरह से झूठी और काल्पनिक हैं और पश्चिमी देश भी यह बात अच्छी तरह से जानता है.

उनका कहना है कि हम अपनी धार्मिक आस्था और मान्यताओं के आधार पर परमाणु हथियार नहीं चाहते हैं, अगर ऐसा हो तो पश्चिमी देश हमें रोक भी नहीं सकते हैं.

ईरान के सर्वोच्च नेता ने अपने बयान आगे कहा कि पश्चिमी देशों के साथ समझौता करना बेहतर है, लेकिन ईरान के परमाणु उद्योग का सम्मान किया जाना चाहिए.

अयातुल्ला खामेनेई ने यह भी कहा है कि ईरान को सुरक्षा उपायों के ढांचे के तहत संयुक्त राष्ट्र के परमाणु निरीक्षण संस्थान के साथ काम को जारी रखना चाहिए.

अरब लीग शिखर सम्मेलन की बैठक का संयुक्त घोषणा जारी, फिलिस्तीन मसले को बताया गया कोर मुद्दा

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32वां अरब लीग शिखर सम्मेलन सऊदी अरब के शहर जेद्दाह में संपन्न हो गया. जिसके बाद अरब लीग द्वारा जारी किए गए संयुक्त घोषणा में फिलिस्तीनी मुद्दे की केंद्रीयता को दोहराया और सूडान में विदेशी हस्तक्षेप को खारिज किया गया है.

अरब लीग शिखर सम्मेलन में फिलिस्तीन और सूडान के साथ ही यमन, लीबिया और लेबनान के मुद्दों समेत कई और अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई.

सऊदी मीडिया के अनुसार, संयुक्त बयान में, 1967 में इजरायल द्वारा कब्जा किए गए सभी अरब क्षेत्रों पर एक बार फिर फिलिस्तीन के पूर्ण अधिकार और उसके हक को दोहराया गया है, जिसमें येरुशलम भी शामिल है.

साझा बयान में अरब शांति पहल को सक्रिय करने की अहमियत पर भी खास जोर दिया गया. बता दें कि एक दशक से अधिक समय में पहली बार सीरिया ने अरब लीग की बैठक में भाग लिया.

गृहयुद्ध का शिकार सूडान में किसी भी विदेशी हस्तक्षेप को खारिज कर दिया गया है और दोनों पक्षों के बीच संवाद और एकता पर जोर दिया.

32 वें अरब लीग के संयुक्त घोषणा पत्र में यमन में भी सभी अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय प्रयासों के लिए अपना भरपूर समर्थन दोहराने का संकल्प लिया गया है.

लेबनान को लेकर साझा बयान में कहा गया है कि, राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए प्रयासों को फिर से शुरू करने पर भी जोर दिया गया. साथ ही घोषणा पत्र में आगे यह भी कहा गया है कि कैबिनेट का जल्द से जल्द गठन किया जाना चाहिए और मौजूदा संकट से उबरने के लिए आर्थिक सुधार किए जाने की जरूरत है.

कर्नाटकः सिद्धारमैया आज लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ , 20 से अधिक विधायक बन सकते हैं मंत्री

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कर्नाटक में शनिवार को चुनी हुई सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार शपथ लेने जा रही है. सिद्धारमैया राज्य के 30वें मुख्यमंत्री के तौर अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत करने वाले हैं. शपथ ग्रहण समारोह कांतीरवा स्टेडियम में दोपहर 12.30 बजे होगा. चुनाव में बहुमत के बाद कांग्रेस विधायक दल ने सीएम पद के लिए सिद्धारमैया को अपना नेता चुना था, आलाकमान से नाम पर मुहर लगाने के बाद राज्यपाल टीसी गहलौत से मिलकर सरकार गठन का दावा किया था. सीएम के पद की शपथ के बाद डिप्टी सीएम के तौर पर डीके शिवकुमार शपथ लेंगे. हालांकि पहले ऐसी चर्चाएं भी थीं कि राज्य में कांग्रेस तीन डिप्टी सीएम का फॉर्मूला अपना सकती है, लेकिन अब डीके शिवकुमार ही एकमात्र डिप्टी सीएम पद की शपथ लेंगे.

बताया जा रहा है कि आज सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के साथ 25-26 विधायक भी मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. इनमें डीके और सिद्धारमैया दोनों के खेमे से वफादार विधायक शामिल होंगे. गौरतलब है कि सिद्धारमैया इससे पहले भी साल 2013 से 2018 तक सीएम रह चुके हैं.

शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी, कांग्रेस शासित प्रदेश के मुख्यमंत्रियों और कई नेता शामिल रहेंगे. शपथ समारोह में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी शरीक रहेंगे. इसके अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित अन्य नेताओं भी मौजूद रह सकते हैं.

याद रहे कि कर्नाटक में 13 मई को विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे. जिसमें कांग्रेस ने बीजेपी को काफी पीछे छोड़ते हुए 135 सीटों पर जीत हासिल की. वहीं बीजेपी 66 और जेडीएस महज 19 सीटें ही जीत सकी थी .

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटा, दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए अध्यादेश लाई

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दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लेते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया. केंद्र सरकार दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए एक अध्यादेश लेकर आ गई आई है. केंद्र सरकार ने अपने इस नए अध्यादेश के जरिए ट्रांसफर पोस्टिंग के अधिकार उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को दे दिए हैं.

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए इस नए अध्यादेश में साफ साफ लिखा गया है कि दिल्ली विधायक के साथ यूनियन टेरिटरी का हिस्सा है. दिल्ली में प्रधानमंत्री दफ्तर, राष्ट्रपति दफ्तर समेत कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थान और अथॉरिटीज काम कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट समेत कई संवैधानिक संस्थाएं हैं. विदेशी और तमाम ऑफिस हैं. ऐसे में उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है.

 

इधर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश पर दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार अरविंद केजरीवाल से डरी हुई है, अध्यादेश से साफ है कि यह सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है. अरविंद केजरीवाल को पावर देने के डर से केंद्र सरकार अध्यादेश लेकर आई है. हालांकि अध्यादेश को लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पहले ही आशंका जताते हुए ट्वीट किया था कि कहा जा रहा है कि केंद्र अगले हफ्ते अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने वाली है?

उधर केंद्र सरकार के फैसले का बचाव करते हुए दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है, पूरे भारत का इस पर अधिकार है, दिल्ली में विश्व के हर देश के राजदूत रहते हैं और यहां जो कुछ प्रशासकीय अनहोनी होती है उससे विश्व भर में भी भारत की गरिमा खराब होती है.

दरअसल पिछले हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में दिल्ली सरकार को अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली की केजरीवाल सरकार को दे दिया था. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि लोक व्यवस्था, पुलिस और भूमि जैसे विषयों को छोड़कर अन्य सेवाओं के संबंध में दिल्ली सरकार के पास विधायी और शासकीय शक्तियां हैं. लोक व्यवस्था, पुलिस और भूमि जैसे विषयों पर अधिकार केंद्र सरकार के पास है.

अब नहीं चलेगा 2000 रुपये का नोट, सितंबर तक बदलने की मोहलत, विपक्ष का मोदी सरकार पर तीखा वार

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भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने 2,000 रुपये के नोट के चलन को रोक दिया है. शुक्रवार को जारी बयान में आरबीआई ने कहा है कि इन नोटों को सितंबर, 2023 तक बदला जा सकता है. हालांकि 2 हजार रुपये के इन नोट को बैंकों में 23 मई से जमा किया जा सलेगा. आरबीआई ने बताया कि अभी चलन में मौजूद 2,000 रुपये के नोट 30 सितंबर तक वैध मुद्रा बने रहेंगे.

आरबीआई ने बैंकों से नए 2000 के नोट जारी करने पर तुरंत रोक लगाने को कहा है. नोटों की बदली के लिए सभी बैंकों को निर्देश भेज दिए गए हैं. हालांकि आरबीआई ने ये साफ़ नहीं किया है कि इसके बाद क्या होगा. ये संभावना है कि आरबीआई इस बारे में जल्द ही कोई नया दिशा निर्देश जारी करेगी.

इस बीच कांग्रेस, टीेएमसी और आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है तो बीजेपी ने इसका बचाव किया.

कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि 2000 के नोट कभी भी ‘क्लीन’ नोट नहीं थे. लोगों ने इस नोट का इस्तेमाल बड़ी संख्या में कभी नहीं किया. इसका इस्तेमाल सिर्फ़ काले धन को अस्थायी तौर पर रखने के लिए किया गया. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘नोटबंदी ने अपना चक्र पूरा कर लिया है.’

टीएमसी की चीफ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यह 2 हजार रुपये के नोट का धमाका नहीं था, बल्कि एक अरब भारतीयों के लिए एक बिलियन डॉलर का धोखा था. जागों मेरे प्यारे भाईयों और बहनो. नोटबंदी के कारण हमने जो पीड़ा झेली उसे भुलाया नहीं जा सकता. जिन लोगों ने ये पीड़ा दी है, उन्हें माफ नहीं किया जाना चाहिए.

इधर आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा है, “पहले बोले कि 2000 का नोट लाने से भ्रष्टाचार बंद होगा.” और “अब बोल रहे हैं 2000 का नोट बंद करने से भ्रष्टाचार ख़त्म होगा, इसलिए हम कहते हैं, पीएम पढ़ा लिखा होना चाहिए.”

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी आरबीआई के इस फैसले को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा ‘कुछ लोगों को अपनी गलती देर से समझ आती है. 2000 के नोट मामले में भी ऐसा ही हुआ, लेकिन इसकी सज़ा जनता, अर्थव्यवस्था ने भुगती है. शासन मनमानी से नहीं, समझदारी और ईमानदारी से चलता है’.

याद रहे कि नवंबर 2016 में अचानक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर की रात को अचानक ही पांच सौ और हज़ार रुपए के नोट बंद करने की घोषणा कर दी थी. फिर सरकार गुलाबी रंग का दो हज़ार रुपए का नया बड़ा नोट लेकर आई थी. उस रात प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी की घोषणा करते हुए कहा था कि रात 12 बजे के बाद से पांच सौ और हज़ार रुपए के नोट बंद हो जाएंगे और इनकी जगह भारतीय रिज़र्व बैंक दो हज़ार रुपए और पांच सौ रुपए के नए नोट जारी करेगी.