Sunday, September 8, 2024
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Media One के प्रसारण पर लगा प्रतिबंध हटा, SC ने कहा सरकार की नीतियों की आलोचना राष्ट्रविरोधी नहीं’

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार को एक बड़ा झटका देते हुए उसके मीडिया वन के प्रसारण पर प्रतिबंध से जुड़े आदेश को रद्द कर दिया है. दरअसल, केंद्र सरकार ने केरल के एक मलयाली न्यूज चैनल पर सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए प्रतिबंध लगा दिया था. जिसके खिलाफ मलयाली चैनल ‘मीडियावन’ केरल हाईकोर्ट चला गया, लेकिन वहां भी उसे राहत नहीं मिला. जिसके बाद चैनल ने सुप्रीम कोर्ट की ओर रूख किया, जहां सीजेआई की बेंच ने इस पर सुनवाई करते हुए बैन को हटा दिया.

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने केरल हाईकोर्ट के आदेश को पलटते हुए कहा कि सरकार की नीतियों या कदमों की आलोचना को एंटी-नेशनल नहीं कहा जा सकता है. शीर्ष अदालत ने कहा कि लोकतांत्रिक देश मजबूती से चलता रहे, इसके लिए जरूरी है कि प्रेस की स्वतंत्रता बनी रहे. लोकतांत्रिक समाज में ये एक अहम किरदार होता है, जो देश की कार्यप्रणाली पर प्रकाश डालता है.

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर बिना किसी आधार के दावे नहीं होने चाहिए. इसके लिए मजबूत तथ्य और पुख्ता सबूत होने जरूरी हैं. बेंच ने केंद्र की नीतियों पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा लोगों के अधिकार छीनने के लिए नहीं उठाया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि न्यूज चैनल पर बैन लगाना गृहमंत्रालय का एक मनमाना कदम है. हम सरकार को ऐसा कदम उठाने नहीं दे सकते, जिससे प्रेस हर हाल में उनका समर्थन करने लगे.

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सरकारी नीतियों की आलोचना के कारण किसी टीवी चैनल का लाइसेंस रद्द नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है, जिससे न्यूज चैनल का टेरर लिंक स्थापित हो रहा हो.

बता दें कि मलयाली टेलीविजन न्यूज चैनल मीडियावन के प्रसारण पर इस साल जनवरी मे केंद्र सरकार ने रोक लगा दी थी. सरकार ने इस कदम के पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों का हवाला दिया था. जिसके बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इस चैनल के ब्रॉडकास्ट लाइसेंस को रिन्यू करने से इनकार कर दिया था. मीडियावन न्यूज चैनल की पैरेंट कंपनी मध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड (एमबीएल) है. इसी ने हाईकोर्ट से राहत ना मिलने पर फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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