Home ताज़ातरीन JNU में लेफ्ट और ABVP के बीच हिंसक झड़प, डेढ़ दर्जन छात्र घायल, जेएनएसयू की शिकायत पर केस दर्ज

JNU में लेफ्ट और ABVP के बीच हिंसक झड़प, डेढ़ दर्जन छात्र घायल, जेएनएसयू की शिकायत पर केस दर्ज

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JNU में लेफ्ट और ABVP के बीच हिंसक झड़प, डेढ़ दर्जन छात्र घायल, जेएनएसयू की शिकायत पर केस दर्ज

अंज़रूल बारी

दिल्ली के जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (JNU) में रविवार को दो छात्र गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प को लेकर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. खबर है कि ये एफआईआर स्टूडेंट यूनियन जेएनयूएसयू, एसएफआई, डीएसएफ और आइसा की शिकायत पर एबीवीपी से जुड़े अज्ञात छात्रों के खिलाफ दर्ज की गई है. पुलिस ने 323/341/ 509/ 506/ 34 की धाराओं के तहत ये केस दर्ज किया है. दिल्ली पुलिस का कहना है एबीवीपी के छात्रों की तरफ से शिकायत मिलने पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस झड़प में दोनों पक्षों के करीब 16-20 छात्र घायल हैं. हालांकि मेडिकल करवाने के लिए छात्र अब धीरे धीरे सामने आ रहे हैं. इसलिए घायलों की संख्या बढ़ने की भी आशंका है.
बता दें कि रविवार को दिन में कावेरी हॉस्टल में छात्रों के दो गुटों के बीच मांसाहार खाने को लेकर हिंसक झड़प हो गई थी. वामदलों से जुड़े छात्र संगठनों के नेताओं ने आरोप लगाया गया था कि एबीवीपी के सदस्यों ने हॉस्टल मेस को नॉनवेज खाना परोसने से रोका था, जबकि वीकेंड पर हॉस्टल में नॉनवेज परोसा जाता है. वहीं, एबीवीपी के छात्रों का आरोप था कि वामपंथी संगठनों के सदस्यों ने होस्टल में एक पूजा आयोजित करने से रोकने की कोशिश की थी.
इस घटना के विरोध में जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) और राष्ट्रीय स्यवंसेवक संघ से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने विश्वविद्यालय परिसर के अंदर अलग-अलग मार्च निकाला. जेएनयूएसयू ने ढपली पीटते हुए परिसर के अंदर मार्च किया और एबीवीपी के खिलाफ नारेबाजी की. जिसके बाद ये कथित हमले के जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर वसंत कुंज पुलिस स्टेशन गए. उन्होंने ”एबीवीपी कार्यकर्ताओं” के वीडियो को भी साझा किया, जिनमें छात्रों पर वाइपर और लाठियों से हमला होता दिख रहा है.

इस दौरान एबीवीपी ने भी वामपंथी संगठनों के विरोध में परिसर के अंदर मार्च निकाला. उन्होंने छात्रों के कथित वीडियो साझा करते हुए आरोप लगाया कि ”वाम-संबद्ध संगठनों” के कार्यकर्ताओं ने इन छात्रों की पिटाई की. एबीवीपी ने अपने ऊपर लगे आरोप से इनकार किया और दावा किया कि रामनवमी पर छात्रावास में आयोजित एक पूजा कार्यक्रम में ”वामपंथियों” ने बाधा डाली.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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