पहले गोवा कांग्रेस में बीजेपी की सेंधमारी के गुजरात चुनाव से पहले कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है. अहमदाबाद की एक कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जिग्नेश मेवाणी समेत 19 लोगों को जेल की सजा सनाई है. कोर्ट ने उन्हें 2016 के दंगा भड़काने और भीड़ जुटाने के आरोप में दर्ज एक केस में दोषी पाया है. मामले की सुनवाई कर रहे अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पीएन गोस्वामी ने जिग्नेश पर जुर्माना भी लगाया है. गुजरात में कुछ महीने बाद चुनाव होने हैं ऐसे में मेवानी की गिरफ्तारी कांग्रेस के लिए बड़ा नुकसान है.
उन्होंने जिग्नेश की सजा को 17 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया है, ताकि वह अपील दायर कर सकें. मेवाणी और 18 अन्य लोगों के खिलाफ 2016 में विश्वविद्यालय थाने में एक मामला दर्ज किया गया था. यह मामला गुजरात विश्वविद्यालय के कानून विभाग के एक निर्माणाधीन भवन का नाम डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर रखने की मांग पर जोर देने के लिए रोड़ जाम करने से संबंधित था.
इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 143 (गैरकानूनी सभा) और 147 (दंगा) के साथ-साथ गुजरात पुलिस अधिनियम की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. एफआईआर में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया था उनमें से एक आरोपी की मौत हो चुकी है. बता दें कि जिग्नेश मेवाणी एक जाने-माने दलित नेता हैं. उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय चुनाव लड़ा था.
यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि साल के अंत में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. हार्दिक पटेल के पार्टी से बाहर जाने की वजह से कांग्रेस पहले ही राज्य में कमजोर स्थिति में आ गई है. अब जिग्नेश मेवाणी को जेल की सजा होने से पार्टी की चिंताएं और ज्यादा बढ़ गई हैं, क्योंकि गुजरात की राजनीति में जिग्नेश एक बड़ा नाम हैं.
बता दें कि कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवाणी ने साल 2016 में गुजरात यूनिवर्सिटी के पास रास्ता रोको आंदोलन किया था. यह आंदोलन गुजरात यूनिवर्सिटी के कानून विभाग की बिल्डिंग का नाम डॉ. बी.आर अंबेडकर भवन रखने की मांग को लेकर था.