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G-20 शिखर सम्मलेन में हिस्सा लेने प्रधानमंत्री मोदी बाली जायेंगे

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G-20 शिखर सम्मलेन में हिस्सा लेने प्रधानमंत्री मोदी बाली जायेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 14 से 16 नवंबर तक इंडोनेशिया के बाली की यात्रा करेंगे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यह जानकारी दी है. बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिये इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो के आमंत्रण पर जा रहे हैं. शिखर बैठक से अलग प्रधानमंत्री मोदी दूसरे देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठक कर बातचीत भी करेंगे.

समझा जाता है कि G-20 शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज एवं अन्य नेता हिस्सा लेंगे. बैठक में इन नेताओं के बीच यूक्रेन संघर्ष का खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा पर इसके पड़ने वाले प्रभाव तथा जलवायु परिवर्तन सहित अन्य ज्वलंत वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है. उन्होंने बताया कि अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री अन्य देशों के नेताओं के साथ महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं. प्रवक्ता ने बताया कि G-20 बैठक में तीन कार्यकारी सत्र आयोजित किये जायेंगे. जिनमें खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा, स्वास्थ्य और डिजिटल लेनदेन शामिल हैं.
बागची ने कहा कि बैठक के समापन सत्र में प्रधानमंत्री मोदी G-20 समूह की अध्यक्षता ग्रहण करेंगे. भारत एक दिसंबर से इस समूह की अध्यक्षता करेगा. कुछ ही दिन पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत G-20 की अध्यक्षता करने जा रहा है और यह आयोजन हमारे लिए 130 करोड़ भारतीयों की शक्ति और सामर्थ्य का प्रतिनिधित्‍व है. उन्होंने कहा था कि भारत में G-20 शिखर सम्मेलन सिर्फ एक कूटनीतिक बैठक नहीं होगी, बल्कि देश इसे एक “नयी जिम्मेदारी” के तौर पर देखता है. उन्होंने कहा था, ‘‘भारत इसे अपने प्रति दुनिया के विश्वास के रूप में देखता है. आज विश्व में भारत को जानने की, भारत को समझने की एक अभूतपूर्व जिज्ञासा है. आज भारत का नए आलोक में अध्ययन किया जा रहा है.”
प्रधानमंत्री ने G,-20 के लोगो, विषयवस्तु और वेबसाइट का लोकार्पण भी किया था. G-20 का लोगो भारत के राष्ट्रीय ध्वज के जीवंत रंगों से प्रेरित है. केसरिया, सफेद, हरा, और नीला. इसमें कमल का फूल भी शामिल है. भारत की G-20 की अध्यक्षता की विषयवस्तु – “वसुधैव कुटुम्बकम” या “एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य”- महाउपनिषद के प्राचीन संस्कृत पाठ से ली गयी है. यह विषयवस्तु जीवन के सभी मूल्यों – मानव, पशु, पौधे और सूक्ष्मजीव- और धरती पर व व्यापक ब्रह्मांड में उनके परस्पर संबंध की पुष्टि करती है.
यह विषयवस्तु व्यक्तिगत जीवन शैली के साथ-साथ राष्ट्रीय विकास के स्तर पर, अपने संबद्ध, पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ और जिम्मेदार विकल्पों के साथ ‘लाइफ’ (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) पर भी प्रकाश डालती है. G-20 समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं.
G-20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का एक प्रमुख मंच है, जो वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व की लगभग दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करता है. भारत वर्तमान में जी20 ‘ट्रोइका’ (जी-20 के वर्तमान, पिछले और आगामी अध्यक्ष) का हिस्सा है जिसमें इंडोनेशिया, इटली और भारत शामिल हैं.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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