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G 20 : आजादी के स्वर्णकाल में भारत में सबसे बड़ा अंतराष्ट्रीय जलसा

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G 20 : आजादी के स्वर्णकाल में भारत में सबसे बड़ा अंतराष्ट्रीय जलसा

अखिलेश अखिल

भारत के लिए यह बेहद सुखद क्षण है कि इस साल देश आजादी का स्वर्णकाल मना रहा है. और इसी साल के एक दिसंबर से भारत G 20 जैसे विकसित और विकासशील देशों के समूह की अध्यक्षता भी कर रहा है. आजाद भारत के लिए यह अद्भुत क्षण है. एक दिसंबर से आगामी एक साल तक भारत इस समूह की अध्यक्षता करेगा. सबसे अहम बात ये है कि पहली बार इस अंतर्राष्ट्रीय जलसे का गवाह कश्मीर भी बनने जा रहा है. देश के 55 अलग – अलग जगहों पर यह जलसा आयोजित होना है. जिसमे कश्मीर भी शामिल है. कश्मीर में जलसे को आयोजित कर भारत विश्व बिरादरी को बड़ा सन्देश भी देगा.

हालांकि इस जलसा से पहले कॉमनवेल्थ गेम का आयोजन कर चूका है, लेकिन उसका दायरा सीमित था.

G 20 समूह का आयोजन दुनिया के विकसित और विकासशील देशों का आयोजन होगा, जिसमे दुनिया भर के लोग शामिल होंगे और दुनिया को बेहतर बनाने की बातों पर चर्चा करेंगे. अब भारत सरकार इस आयोजन को सफल बनाने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहा है. तैयारियां ऐसी की जा रही है कि जब दुनिया भर के लोग भारत में आये और देश के अलग – अलग इलाकों की बैठकों में जाए तो भारत की बदली तस्वीर यादगार रहे.

आगामी पांच दिसंबर को भारत सरकार इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सबसे पहले सर्वदलीय बैठक करने जा रही है. खबर के मुताबिक इस बैठक में पीएम मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर तो शामिल होंगे ही 40 पार्टियों के अध्यक्ष भी शामिल होंगे. सबकी राय से आयोजन की सफलता का खाका तैयार होगा, ताकि मेहमानो को कोई परेशानी नहीं हो और भारत का गौरव भी बना रहे.

जानकारी के मुताबिक भारत एक वर्ष के लिए G 20 का अध्यक्ष होगा. इस दौरान भारत में 55 अलग – अलग जगहों पर G-20 की 200 से अधिक बैठकें आयोजित होंगी. G-20 में ऐसा पहली बार होगा जब कोई देश 50 से अधिक शहरों में बैठके आयोजित करेगा. अभी तक मेजबान चीन ने 14 और इंडोनेशिया ने 20 से अधिक शहरों में G-20 की बैठक को आयोजित किया है, लेकिन भारत अब इससे भी आगे निकलने वाला है. भारत चाहता है कि समूह के लोग भारत को जाने और यहां की संस्कृति को समझे. भारत यह भी चाहता है कि भारत विकास की जिस राह पर चल रहा है. उसकी झांकी केवल दिल्ली और मुंबई तक ही सीमित नहीं है, बल्कि देश का हर शहर विकास के पथ पर अग्रसर है. आपको बता दें कि, G-20 चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ देशों का समूह हैं.

बता दें कि विश्व के 20 देशो के वित्त मंत्रियो, सेन्ट्रल बैंक के गवर्नरो के सम्मेलन समूह को G 20 कहते है. G 20 देशो के समूह में 19 देश तथा यूरोपीय संघ सम्मिलित है. यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष और यूरोपीय केंद्रीय बैंक के द्वारा G 20 का प्रतिनिधत्व किया जाता है. इसमें 20 देशो के अध्यक्षों की वार्षिक बैठक होती है. जिसे G -20 शिखर सम्मेलन के नाम से भी जाना जाता है. इस समूह का कोई स्थाई दफ्तर नहीं है. क्योंकि हर साल समूह से जुड़ा देश इसकी अध्यक्षता करता है और एक साल तक उसी देश में सारे मंथन चलते रहते हैं. इस समूह की पिछली अध्यक्षता इंडोनेशिया ने की थी और अब भारत की बारी है.

इस सम्मेलन के दौरान आर्थिक संकट, आतंकवाद, मानव तस्करी आदि प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की जाती है. तथा परस्पर अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सहयोग पर विचार-विमर्श करना भी इसका मुख्य उद्देश्य होता है. यह संगठन दुनिया के महत्वपूर्ण संगठनों के साथ काम करता है. यह समूह घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत, वित्तीय व्यापार का 75 प्रतिशत, से भी अधिक तथा विश्व का लगभग दो-तिहाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता हैं. विश्व के महत्वपूर्ण देशों के मध्य अनौपचारिक वार्ता और परस्पर सहयोग दृढ करने में मदद प्राप्त होती है.

बता दें कि विश्व के प्रमुख देशो के संगठन G 7 ने ही इस एक नए संगठन की शुरुआत की थी. जिसका नाम भी G 20 रखा गया. इसकी स्थापना 25 सितम्बर 1999 में अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में की गयी थी. एशिया के वित्तीय संकट के बाद वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नरों ने इस बैठक का आयोजन किया था. पहला शिखर सम्मेलन 2008 में 14-15 नवंबर को आयोजित किया गया था. एशिया में आये वित्तीय संकट को देखते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति ने इस सम्मेलन का आरम्भ किया था.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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