संसद के भीतर और बहार चीन की हरकतों को लेकर हाय तौबा भले ही मची हो, लेकिन चीन के इरादे कुछ और ही दिख रहे हैं. एनडीटीवी की खबर के मुताबिक चीन ने तिब्बत के कई प्रमुख एयरबेसों पर बड़ी संख्या में ड्रोन और लड़ाकू विमान तैनात किये हैं. लगता है कि चीन भारत के खिलाफ तैयारी कर रहा है. इधर भारत में सिर्फ बयानबाजी हो रही है, लेकिन हमारे सैनिक चीन को हर जबाव देने को तैयार है. भारतीय वायुसेना ने भी अपनी चौकसी बढ़ा दी है, और चीन के हर खेल का जबाव देने को तैयार है. बता दें कि चीन के लड़ाकू विमान के रेंज में पूरा पूर्वोत्तर भारत है.
एनडीटीवी ने कुछ अहम तस्वीरों का हवाला देते कहा है कि, भारतीय वायुसेना लगातार सीमावर्ती इलाकों में उड़ान भर कर पड़ोसी देश की हरकतों पर नज़र बनाए हुए है. चीनी विमानों को भारतीय क्षेत्र के पास उड़ान भरते हुए देखे जाने के बाद वायुसेना ने अपनी चौकसी बढ़ा दी है.
रिपोर्ट कहती है कि पूर्वोत्तर में स्थित चीन के बांगदा एयरबेस से मिली तस्वीर में अत्याधुनिक डब्ल्यूज़ेड-7 ‘सोरिंग ड्रेगन’ ड्रोन दिखाई दे रहा है. यह ड्रोन भारतीय सेना इस्तेमाल नहीं करती है. ड्रोन की खासियत है कि यह बिना रुके 10 घंटे तक उड़ सकता है, इसे जासूसी, निगरानी और सर्वेक्षण के कामों के लिए बनाया गया है. यह डेटा को ट्रांसमिट भी कर सकता है, ताकि क्रूज़ मिसाइलें ज़मीनी लक्ष्यों पर वार करने में सक्षम हो सके.
रक्षा जानकारों का मानना है कि चीन जासूसी के उपकरणों से भारत की वायु सेना से जुड़ी जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहा है. ताकि युद्ध के लिए इसका उपयोग भारत के खिलाफ किया जा सके.