Home देश 65 साल से अधिक उम्र के हज यात्रियों पर लगी रोक, बुजुर्गों को लगा झटका

65 साल से अधिक उम्र के हज यात्रियों पर लगी रोक, बुजुर्गों को लगा झटका

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65 साल से अधिक उम्र के हज यात्रियों पर लगी रोक, बुजुर्गों को लगा झटका

अखिलेश अखिल

हज यात्रा पर जाने वाले बुजुर्गो को बड़ा झटका लगा है. नए नियम के मुताबिक 65 साल से ज्यादा के उम्र के लोग अभी हज यात्रा नहीं कर पाएंगे. दरअसल सऊदी हुकूमत ने शर्तों के साथ हज यात्रा 2022 के लिए हरी झंडी दे दी है. सऊदी अरब सरकार ने 65 साल से अधिक उम्र के हज यात्रियों पर फिलहाल रोक लगाते हुए इस साल दुनिया भर से करीब 10 लाख हाजियों को हज यात्रा की इजाज़त दी है. सऊदी अरब सरकार की ओर से हज के लिए नई गाइडलाइन जारी होने के बाद हज कमेटी ऑफ इंडिया ने सर्कुलर जारी किया है. इसके मुताबिक 20 अप्रैल 2022 तक अधिकतम 65 वर्ष की उम्र पूरी कर रहे आवेदक ही हज यात्रा पर जा सकेंगे.
नई गाइडलाइन के मुताबिक आवेदक की कोविड की आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव होने पर ही वह हज यात्रा पर जा सकेगा. यह रिपोर्ट रवानगी से 72 घंटे पहले की ही मान्य होगी. वैक्सीन की दोनों डोज लगवाना भी जरूरी है, तभी यात्रा पूरी होगी. यूपी से 70 साल से ऊपर के बुजुर्ग श्रेणी में करीब 372 आवेदन हुए हैं.
आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण काल में सऊदी हुकूमत ने विदेश से हज यात्रा पर जाने वाले हाजियों पर रोक लगाते हुए बहुत सीमित संखिया में हज की इजाजत दी थी, इस दौरान सऊदी सरकार ने बहुत सीमित संखिया में देश में मौजूद विदेशी नागरिकों हज करने की अनुमति दी थी, लेकिन इस साल सऊदी सरकार ने विदेश से हज यात्रियों को आने की अनुमति दी बल्कि हाजियों की सीमित को बढ़ा कर 10 लाख कर दिया था. हिंदुस्तान के आजमीन आखिरी बार 2019 में हज यात्रा पर गए थे. हालांकि 2020 और 2021 में भी हज कमेटी ने आवेदन लिए थे, लेकिन सऊदी हुकूमत द्वारा रोक के कारण हाजी अपनी हज यात्रा पर नहीं जा सके थे. इस बार हज यात्रा के लिए सऊदी हुकूमत ने अनुमति दे दी है. लेकिन कुछ शर्तें भी लगाईं हैं.
हज यात्रा 2022 के लिए इस बार देशभर से 92,381 आवेदन किए गए हैं. आवेदन के दौरान उम्र की कोई पाबंदी नहीं थी. अब हज यात्रा के लिए 65 वर्ष की पाबंदी लगा दी गई है. ऐसे में 65 वर्ष से अधिक उम्र वालों के आवेदन निरस्त होंगे. हज आवेदनों की कम संख्या को देखते हुए नई गाइडलाइन में आवेदकों को एक और मौका दिया गया है. हज पर जाने की ख्वाहिश रखने वाले अब 22 अप्रैल तक हज कमेटी की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
सबसे बड़ी ख़ुशी की बात है कि इस बार दो साल के बाद जहां दुनिया भर से हाजी हज यात्रा पर जा सकेंगे तो वहीं भारतीय भी अपनी हज यात्री की ख्वाहिश को पूरा कर सकेंगे.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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