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रूसी तेल पर यूरोपीय संघ द्वारा प्राइस कैप 5 दिसंबर से लागू, कीमतों को सीमित करने पर क्रेमलिन का विरोध

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रूसी तेल पर यूरोपीय संघ द्वारा प्राइस कैप 5 दिसंबर से लागू, कीमतों को सीमित करने पर क्रेमलिन का विरोध

यूरोपीय संघ के बाद G- 7 देश भी रूसी तेल की कीमतों को सीमित करने पर सहमत हो गए हैं. इस संबंध में रूसी संसद क्रेमलिन का कहना है कि रूस को तेल की कीमत को सीमित करने के उपाय हरगिज़ स्वीकार्य नहीं हैं. रूस अपने तेल की कीमत को सीमित करने के उपायों को कभी भी स्वीकार नहीं करेगा.

क्रेमलिन ने कहा कि रूसी तेल की कीमतों को सीमित करने के लिए यूरोपीय उपायों की समीक्षा कर रहे हैं. न्यूज एजेंसियों के मुताबिक, रूस ने कीमतों को सीमित करने वाले देशों को तेल नहीं देने को कहा है.

वहीं रूस पर यूरोपीय संघ की तेल मूल्य सीमा कल 5 दिसंबर से लागू हो जाएगी, जिसके बाद रूस को अपने पेट्रोलियम उत्पादों के लिए प्रति बैरल 60 डॉलर से अधिक का भुगतान नहीं किया जाएगा. यूरोपीय संघ के विदेश मामलों के प्रमुख जोसेप बोरेल ने अपने सोशल मीडिया बयान में यह स्पष्ट किया.

उन्होंने कहा कि रूस से कच्चे तेल और पेट्रोलियम तेल के लिए तेल खरीद मूल्य सीमा कल से लागू हो जाएगी. जोसेप बोरेल ने कहा, “यह सीमा, हमारे भागीदारों के साथ घनिष्ठ समन्वय में, रूस के राजस्व में काफी कमी लाएगी, वैश्विक ऊर्जा कीमतों को स्थिर करेगी और नकारात्मक ऊर्जा आपूर्ति के परिणामों को कम करेगी.”

ध्यान रहे कि G-7 देशों और ऑस्ट्रेलिया ने रूसी तेल को 60 डॉलर प्रति बैरल तक सीमित करने पर पहले ही अपनी सहमति जता दी थी.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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