यूरोपीय संघ के बाद G- 7 देश भी रूसी तेल की कीमतों को सीमित करने पर सहमत हो गए हैं. इस संबंध में रूसी संसद क्रेमलिन का कहना है कि रूस को तेल की कीमत को सीमित करने के उपाय हरगिज़ स्वीकार्य नहीं हैं. रूस अपने तेल की कीमत को सीमित करने के उपायों को कभी भी स्वीकार नहीं करेगा.
क्रेमलिन ने कहा कि रूसी तेल की कीमतों को सीमित करने के लिए यूरोपीय उपायों की समीक्षा कर रहे हैं. न्यूज एजेंसियों के मुताबिक, रूस ने कीमतों को सीमित करने वाले देशों को तेल नहीं देने को कहा है.
वहीं रूस पर यूरोपीय संघ की तेल मूल्य सीमा कल 5 दिसंबर से लागू हो जाएगी, जिसके बाद रूस को अपने पेट्रोलियम उत्पादों के लिए प्रति बैरल 60 डॉलर से अधिक का भुगतान नहीं किया जाएगा. यूरोपीय संघ के विदेश मामलों के प्रमुख जोसेप बोरेल ने अपने सोशल मीडिया बयान में यह स्पष्ट किया.
उन्होंने कहा कि रूस से कच्चे तेल और पेट्रोलियम तेल के लिए तेल खरीद मूल्य सीमा कल से लागू हो जाएगी. जोसेप बोरेल ने कहा, “यह सीमा, हमारे भागीदारों के साथ घनिष्ठ समन्वय में, रूस के राजस्व में काफी कमी लाएगी, वैश्विक ऊर्जा कीमतों को स्थिर करेगी और नकारात्मक ऊर्जा आपूर्ति के परिणामों को कम करेगी.”
ध्यान रहे कि G-7 देशों और ऑस्ट्रेलिया ने रूसी तेल को 60 डॉलर प्रति बैरल तक सीमित करने पर पहले ही अपनी सहमति जता दी थी.