Thursday, November 21, 2024
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24 साल बाद कांग्रेस को मिला गैरगांधी परिवार से अध्यक्ष, शशि थरूर हारे, खड़गे होंगे कांग्रेस के नए अध्यक्ष

24 साल बाद पहली बार ऐसा हुआ है कांग्रेस पार्टी को गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष मिल गाया है. दरअसलम ल्लिकार्जुन खड़गे देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के नए अध्यक्ष बन गए हैं. मल्लिकार्जुन खड़गे को 7897 वोट मिले. जबकि उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे शशि थरूर को 1072 वोट ही मिल सके हैं. वहीं, 416 वोट अमान्य हो गए.

शशि थरूर ने कहा, ‘कांग्रेस का अध्यक्ष बनना बड़े सम्मान, बड़ी जिम्मेदारी की बात है, मैं मल्लिकार्जुन खरगे को इस चुनाव में उनकी सफलता के लिए बधाई देता हूं. अंतिम फैसला खरगे के पक्ष में रहा, कांग्रेस चुनाव में उनकी जीत के लिए मैं उन्हें हार्दिक बधाई देना चाहता हूं.’

साथ ही उन्होंने कहा, ‘सर्वाधिक संकटपूर्ण स्थितियों में पार्टी का संबल बने रहने और नेतृत्व प्रदान करने के लिए हम निवर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के ऋणी हैं. कांग्रेस अध्यक्ष पद का स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में अपना योगदान देने के लिए मैं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी का धन्यवाद करता हूं.’

बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को हुई वोटिंग में कुल 9385 डेलिगेट्स ने वोट डाले थे. कांग्रेस को 24 साल बाद गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष मिला. इससे पहले सीताराम केसरी गैर गांधी अध्यक्ष रहे थे. कांग्रेस के 137 साल के इतिहास में अध्यक्ष पद के लिए 6वीं बार चुनाव हुए.

अपनी हार को तस्लीम करते हुए शशि थरूर ने कहा है कि यह चुनाव कांग्रेस को मजबूत करने के लिए है न कि बांटने के लिए. चलो आगे बढ़ते हैं. हालांकि चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाने वाला लेटर लीक होने को शशि थरूर ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीईए को लिखा एक आंतरिक पत्र मीडिया में लीक कर दिया गया. थरूर के पोलिंग एजेंट सलमान सोज ने चुनाव के दौरान हुई गड़बड़ी की लिखित शिकायत मधुसूदन मिस्त्री से की थी. जिसमें सलमान सोज ने तीन राज्यों पंजाब, यूपी, तेलंगाना में चुनाव के दौरान धांधली का आरोप लगाया था, जिसे लेकर थरूर के चुनाव एजेंट सलमान सोज ने कांग्रेस के चुनाव अधिकारी को चिट्ठी लिखी थी, लेकिन ये चिट्ठी मीडिया में लीक हो गई, जिसको थरूर ने अफसोसनाक करार दिया था.

उधर वरिष्ठ कांग्रेस नेता पवन कुमार बंसल ने कहा कि मैं खुश हूं कि पूरी चुनावी प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई. सब कुछ अच्छे से हुआ. मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच बहुत अच्छा लोकतांत्रिक चुनाव हुआ.

अब जब कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव हो गए हैं. और पार्टी के वरिष्ठ नेता मलिकार्जुन खड़गे को पार्टी अध्यक्ष चुन लिया गया है. खड़गे के सामने कई अहम चुनौतियां खड़ी हैं. एक तरफ जहां गुजरात और हिमाचल चुनाव में पार्टी को जिताने जैसी अहम जिम्मेदारी है तो वही वही 2024 में केंद्र की सत्ता से बीजेपी को बाहर रखना भी बड़ा चैलेंज है. साथ ही एनडीए के खिलाफ यूपीए को भी असरंदाज बना कर बीजेपी बीजेपी को कमज़ोर करना सबसे अहम मसला है. खड़गे के लिए बड़ी चुनौती ये भी है कि पार्टी को जिताऊ कैसे बनाया जाए. लंबे समय से हताश कांग्रेसी कैडर में विंजोश भरना है जो पिछले दस सालों से राज्यों से लेकर केंद्र के चुनाव के दौरान पार्टी के खराब प्रदर्शन में देखने को मिलता रहा है. जिसके नतीजे में पार्टी के भीतर एक ऐसी हीनभावना घर कर गई है, जो हर एक के बाद सिर्फ आहें भरती है और अपने दर्द को बताती भी नही.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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