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क्‍या Annexure K पीएफ ट्रांसफर के दौरान होता है ज़रूरी?

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क्‍या Annexure K पीएफ ट्रांसफर के दौरान होता है ज़रूरी?

 

कर्मचारियों को पीएफ का पैसा जमा करने के लिए ईपीएफ खाते की आवश्‍यकता होती है, जो ईपीएफओ की ओर से जारी किया जाता है। पीएफ खाते के तहत कर्मचारियों की सैलरी से और कंपनी की ओर से हर महीने एक निश्चित राशि जमा की जाती है। इस जमा राशि का लाभ रिटायरमेंट के बाद या जरूरत पर लिया जा सकता है। ईपीएफ कर्मचारियों के लाभ के लिए कई और सुविधाएं भी प्रोवाइड कराता है।

ऐसे ही अगर कोई कर्मचारी नौकरी बदलता है तो पीएफ खाते को ट्रांसफर करने की भी सुविधा दी जाती है। वहीं मनी ट्रांसफर की भी सुविधा है। हर बार जब कोई ईपीएफ सदस्य अपनी पीएफ राशि को छूट से किसी गैर-छूट वाले प्रतिष्ठान (या इसके विपरीत) में ट्रांसफर करता है, तो उन्हें Annexure K नामक एक ईपीएफ दस्तावेज जारी किया जाता है।

अनेक्‍सर के नामक एक ईपीएफ दस्तावेज़ सदस्य की जानकारी, ब्याज के साथ उसका पीएफ सेविंग, उसका सर्विस हिस्‍ट्री, उसके शामिल होने और छोड़ने की तारीख साथ ही नौकरी की जानकारी प्रदान करता है। इस दस्‍तावेज को ईपीएफओ पोर्टल के माध्‍यम से डाउनलोड किया जा सकता है।

EPFO के ट्वीट के अनुसार, अनेक्‍सर के एक ईपीएफ दस्तावेज है, जिसमें सदस्य विवरण, ब्याज के साथ उसका पीएफ सेविंग, सर्विस, शामिल होने की तिथि, और बाहर निकलने की तिथि और पिछले और वर्तमान एमआईडी सहित रोजगार विवरण की जानकारी होती है। इस दस्तावेज़ की आवश्यकता क्षेत्र कार्यालय द्वारा ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है। इसे पोर्टल के माध्‍यम से ऑनलाइन घर बैठे डाउनलोड किया जा सकता है। इसके लिए कर्मचारी के पास UAN नंबर होना चाहिए।

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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