चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ के 15 जून को गुजरात के कच्छ जिले से टकराने की संभावना है. इस बीच केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में चक्रवात से संबंधी तैयारियों का जायजा लेने के लिए राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की एक बैठक हुई. बैठक में चक्रवात के नुकसान को कम करने के लिए केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों और गुजरात प्रशासन की तैयारियों का जायजा लिया. बैठक में गुजरात के मुख्य सचिव, केंद्र सरकार के मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों, भारत मौसम विज्ञान विभाग और एनडीआरएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने मौजूद रहे.
इस बीच चक्रवात ‘बिपरजॉय’ के प्रभावों से निपटने में गुजरात प्रशासन की मदद करने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), सेना, नौसेना, वायुसेना और तटरक्षकों के दल और उपकरण आदि पर्याप्त संख्या में तैनात किए गए हैं. उधर ‘बिपरजॉय’ की तबाही से निपटने के लिए गुजरात सरकार ने कई एहतियाती कदम उठाए है. वहीं, चक्रवात के टकराने के बाद सेवाओं की फिर से बहाली के लिए पूरी तरह तैयार है.
गुजरात सरकार NDRF के अलावा राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) के दलों को तटीय इलाकों में तैनात कर रही है और छह जिलों में आश्रय केंद्र स्थापित किए जाएंगे. तूफान तटीय इलाके में किस स्थान पर जमीन से टकराएगा, उसके बारे में आने वाले दिनों में स्थिति स्पष्ट होगी.
बताया जा रहा है कि 13 से 15 जून के बीच भारी बारिश होने और 150 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार तक हवा चलने से कच्छ, जामनगर, मोरबी, गिर सोमनाथ, पोरबंदर, और देवभूमि द्वारका जिलों के चक्रवात से प्रभावित होने की संभावना है.
आईएमडी ने समुद्र में उतरे लोगों को तट पर लौटने और अपतटीय और तटवर्ती गतिविधियों को विवेकपूर्ण ढंग से नियंत्रित करने की सलाह दी है. इसने कहा कि सौराष्ट्र और कच्छ तट से लगे समुद्र में जल बुधवार तक अस्थिर रहेगा और गुरुवार को यह और बढ़ जाएगा.