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मक्का: दुनिया भर से पवित्र हज के लिए सऊदी अरब पहुंचने वाले हाजी फज्र की नमाज पढ़ने के बाद मीना से अरफात के मैदान पहुंच गए. इससे पहले हाजियों ने मीना में दुनिया की सबसे बड़ी खीमा बस्ती में रात गुजारी थी.

 

अरफात के मैदान में हज का खुतबा देते हुए मुहम्मद बिन अब्दुल करीम अल-इसा ने कहा कि मुसलमानों के लिए अल्लाह के अलावा कोई ईश्वर नहीं है, वह एक है, अल्लाह का कोई साथी नहीं है, उसने अपना वादा पूरा किया है, अल्लाह की रहमत से मायूस सिर्फ वही लोग होते हैं जो अल्लाह की दया से निराश होकर भटक जाते हैं.

 

मुहम्मद इब्न अब्द अल-करीम अल-इसा ने अपने हज के संदेश में कहा कि मुसलमानों को एक-दूसरे के साथ दया और रहम का मामला करना चाहिए, अल्लाह ने अपने माता-पिता के साथ साथ भलाई करने का निर्देश दिया है. इस्लाम भाई चारे और आपसी मुहब्बत को बढ़ावा देने के निर्देश देता है. अल्लाह का निर्देश है कि लोग अपने माता – पिता के बाद अपने परिवार जनों से भी भलाई का व्यवहार करें.

 

हज के अपने संदेश में मुहम्मद बिन अब्दुल करीम अल-इस्सा ने आगे कहा कि इस्लामी मूल्यों के लिए जरूरी है कि आप नफरत फैलाने वाली हर चीज़ से अपनी दूरी बना लें. उन्होंने कहा कि अल्लाह ने निर्देश दिया है कि ईश्वर और उसके नबी के बताए हुए तरीके पर चलने वाले लोगों के लिए जन्नत की खुशखबरी है. दुनिया भर के सभी इंसान आदम अलैहिस्सलाम के वंशज हैं, और आदम को मिट्टी से से बनाया गया है.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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