Sunday, December 22, 2024
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अग्निपथ स्कीम के विरोध में देश की हिंदी पट्टी में युवाओं का तांडव शुरू 

 

केंद्र सरकार की सैन्य बलों में भर्ती की नयी योजना ‘अग्निपथ’ के खिलाफ लगातार तीसरे दिन यानी शुक्रवार को छात्र विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. खासकर हिंदी पट्टी में युवाओं का यह विरोध उग्र रूप धारण कर गया है. बिहार, यूपी, हरियाणा, हिमाचल समेत देश के सात राज्यों में युवाओं द्वारा हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं.

बिहार के मोहिउद्दीननगर में लोहित एक्सप्रेस और समस्तीपुर में बिहार संपर्क क्रन्ति को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया है. बिहार में बवाल बढ़ता जा रहा है. लखीसराय में युवा उग्र प्रदर्शन कर रहे है. आक्रोशित युवाओं ने विक्रमशिला एक्सप्रेस के बी 3 कोच से सभी यात्रियों को बाहर निकाल दिया और इसके बाद इस बॉगी में आग लगा दी.

यूपी के बलिया में ‘अग्निपथ’ पर बवाल शुक्रवार सुबह से ही जारी है. युवकों ने बलिया-वाराणसी मेमू व बलिया-शाहगंज ट्रेन में तोड़फोड़ की है. प्लेटफार्म की दुकानों व निजी बस को भी तोड़ा. पुलिस, पुलिस चौकी, मालगोदाम, सड़कों पर भी पथराव हो रहा है. उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में आज सुबह नई सैन्य भर्ती नीति, अग्निपथ के विरोध में भीड़ ने एक ट्रेन में तोड़फोड़ की.

बिहार के बिहटा रेलवे स्टेशन पर उग्र अभ्यर्थियों ने रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया है. वो केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं. अग्निपथ योजना के विरोध में ट्रेन रोककर प्रदर्शन किया जा रहा है.

रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि सरकार ने अग्निपथ योजना के लिए ऊपरी आयु सीमा में 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष करने के लिए एकमुश्त छूट प्रदान की है. पिछले दो वर्षों में कोई भर्ती नहीं होने के कारण यह निर्णय लिया गया है.

युवाओं द्वारा ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ प्रदर्शन पर डीएम सौम्या अग्रवाल (बलिया) ने कहा कि आज सुबह से रेलवे ट्रैक पर पुलिस बल तैनात हैं. यहां कुछ उपद्रवी लड़के आए थे लेकिन उन्हें ज्यादा नुकसान करने से रोक दिया गया है. उन्होंने पत्थरबाजी का प्रयास भी किया था लेकिन उनको हमने विफल कर दिया है.

बिहार के भोजपुर में छात्र उत्पात मचा रहे हैं. यहां चलती ट्रेन पर पथराव किया गया है. भीड़ की वजह से स्टेशन के आसपास की दुकानें बंद है. रेलवे ट्रैक जाम होने से आरा रेलवे स्टेशन पर पंजाब मेल, विभूति एक्सप्रेस अप में तो वहीं डाउन लाइन से आने वाली श्रमजीवी एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों पर इसका असर नजर आ रहा है.

बिहार और यूपी में कई जिलों से आगजनी की घटनाएं भी सामने आयीं. राजस्थान के सीकर में युवा सुबह से ही एकत्रित होना शुरू हो गये थे. दोपहर होते-होते उत्तेजित युवाओं ने दुकानों में तोड़फोड़ करने के साथ ही सरकारी संपति को भी नुकसान पहुंचाया. प्रदर्शनकारी युवाओं ने 20 जून को दिल्ली कूच कर जंतर-मंतर पर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी भी दी.

यूपी में भी अग्निपथ योजना का जोरदार विरोध देखने को मिला. बुलंदशहर के साथ मथुरा, प्रयागराज, गोरखपुर में भी यह विरोध प्रदर्शन किया गया. युवाओं ने इस योजना को रद्द करने की मांग के साथ ‘अग्निपथ योजना वापस लो’ के नारे भी लगाये. हरियाणा में कई जगहों पर पथराव की खबरें हैं. इधर, देशभर में हो रहे प्रदर्शन के बीच, सरकार ने ‘अग्निपथ योजना’ को ‘अग्निपरीक्षा’ नहीं ‘मौका’ बताया और इसके फायदे भी गिनाये. वहीं, विपक्ष का कहना है कि इस योजना के जरिये युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जायेगा और इससे सेना की गरिमा भी कम होगी.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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