नई दिल्ली: उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे से भूमि विवाद के कारण बेघर किए जा रहे हज़ारों परिवारों को उनके घरों से बेदखल करने के उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का जमाअत इस्लामी हिन्द ने स्वागत किया है.
मीडिया को संबोधित करते हुए जमाअत इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इंजीनियर मोहम्मद सलीम ने कहा कि, “जमाअत इस्लामी का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा हल्द्वानी में मकानों के ध्वस्तीकरण पर स्टे का आदेश भारतवासियों का न्यायपालिका में विश्वास को मज़बूती प्रदान करेगा.
प्रेस वार्ता में प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने कहा कि, “हम न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एएस ओका की इन टिप्पणियों का समर्थन करते हैं कि “रातों रात 50,000 लोगों को उखाड़ कर नहीं फेंका जा सकता है … यह एक मानवीय मुद्दा है, कुछ व्यावहारिक समाधान खोजने की ज़रूरत है. यह कहना सही नहीं होगा कि दशकों से वहां रह रहे लोगों को हटाने के लिए अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ेगा.”
जमाअत ने कहा कि वह प्रस्तावित ‘ध्वस्तीकरण’ को अस्वीकार करता है. रिपोर्ट के अनुसार लगभग 4500 घरों, 4 सरकारी स्कूलों, 11 निजी स्कूलों, एक बैंक, दो पानी के टंकी, 10 मस्जिदों, 4 मंदिरों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और दुकानों को ध्वस्त किया जाना है.
इस अवसर पर जमाअत इस्लामी हिन्द ने कई मुद्दों पर मीडिया में अपनी बात साझा की जिनमें मुख्य रूप से हल्द्वानी में ध्वस्तीकरण पर सुपीम कोर्ट की रोक, महिला अपराधों के प्रति समाज में बढ़ती असंवेदनशीलता, कर्नाटक और अन्य राज्यों में बढ़ती सांप्रदायिकता और साल 2022 के विभिन्न सूचकांक में भारत की स्थिति जैसे मुद्दों पर बात रखी.
जमाअत ने कहा कि, अधिकारियों के पास उत्तराखंड उच्च न्यायालय का आदेश (20 दिसंबर 2022) का है, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में लोगों बेघर करके विस्थापित करना पूरी तरह से अमानवीय, न्याय और नैतिकता की सभी कसौटियों खिलाफ है.
इससे पहले जमाअत इस्लामी का एक प्रतिनिधिमंडल इसके राष्ट्रीय सचिव मलिक मोहतसिम खान के नेतृत्व में वरिष्ठ पत्रकार प्रशांत टंडन, नेशनल सेक्रेटरी एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नदीम खान, स्पेक्ट फाउंडेशन के लईक अहमद खान और जेआईएच के सहायक राष्ट्रीय सचिव इनाम उर रहमान खान के साथ हल्द्वानी पहुंचा था, और एक फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट तैयार की है. रिपोर्ट में उचित प्रक्रिया का पालन करने में की जा रही कुछ बड़ी विसंगतियों पर प्रकाश डाला गया है.
जमात-ए-इस्लामी हिंद ने मांग की है कि घर ध्वस्त करने के अभियान को वापस लिया जाए और बातचीत व संवाद के माध्यम से रेलवे अधिकारियों और लोगों के बीच एक सौहार्दपूर्ण समझौता किया जाए.
शनिवार को दिल्ली में जमाअत इस्लामी हिन्द के मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में जमाअत इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इंजीनियर मोहम्मद सलीम के अलावा मीडिया सह सचिव सैयद ख़लीक अहमद और APCR सेक्रेटरी नदीम ख़ान भी मौजूद थे.