क्या उत्तराखंड के हल्द्वानी में दूसरे शाहीन बाग की तैयारी चल रही है? जिस तरह से सरकार और स्थानीय लोगों के बीच जंग चल रही है, उससे तो साफ़ लगता है कि आने वाले समय में हल्द्वानी की कहानी सुर्खियां बटोरेगी और अवैध कब्जे का यह मामला राष्ट्रीय मुद्दा बन जायेगा. दरअसल उत्तराखंड की नैनीताल हाईकोर्ट ने हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे को खाली कराने के आदेश दिये है. इस आदेश के बाद करीब 4 हजार से अधिक मकानों को तोड़ा जाएगा. स्थानीय लोगों के मुताबिक, कोर्ट के आदेश के बाद कड़ाके की ठंड के बीच 50 हजार से ज्यादा लोगों के सिर से छत छिनने का खतरा मंडराने लगा है.
इधर, नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बुधवार को हजारों को संखिया में लोगों ने प्रदर्शन किया और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. उनकी मांग है कि सुप्रीम काेर्ट, नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर फौरन रोक लगाए और हजारों लोगों को बेघर होने से बचाए. सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को मामले पर सुनवाई करेगा. याचिकाकर्ताओं की तरफ से कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद केस की पैरवी करेंगे.
दरअसल, हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे की 29 एकड़ जमीन है. इस जमीन पर कई साल पहले कुछ लोगों ने कच्चे घर बना लिए थे. धीरे-धीरे यहां पक्के मकान बन गए और धीरे-धीरे बस्तियां बसती चली गईं. नैनीताल हाईकोर्ट ने इन बस्तियों में बसे लोगों को हटाने का आदेश दिया था.
रेलवे ने समाचार पत्रों के जरिए नोटिस जारी कर अतिक्रमणकारियों को 1 हफ्ते के अंदर यानी 8 जनवरी तक कब्जा हटाने को कहा. रेलवे और जिला प्रशासन ने ऐसा न करने पर मकानों को तोड़ने की चेतावनी दी है. लोग अब अपने घरों को बचाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं.
बता दें कि हल्द्वानी के बनभूलपुरा में 4 हजार से ज्यादा परिवार रहते हैं. इनमें अधिकतर मुस्लिम हैं, इन में से कुछ के पास तो 1940 के दस्तावेज हैं. सूत्रों के मुताबिक, आजादी के पहले इस हिस्से में बगीचे, लकड़ी के गोदाम और कारखाने थे. इनमें उत्तर प्रदेश के रामपुर, मुरादाबाद और बरेली के अल्पसंख्यक समाज के लोग काम करते थे. धीरे-धीरे वह यहां बसते गए और रेलवे की 29 एकड़ जमीन पर कब्जा हो गया. हालांकि रेलवे पहले ही अदालत को ये कह चुका है कि अभी यह तय नहीं है कि उसकी कितनी और कहां जमीन है.
हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के आसपास का यह इलाका करीब 2 किलोमीटर से भी ज्यादा के क्षेत्र को कवर करता है. इन इलाकों को गफ्फूर बस्ती, ढोलक बस्ती और इंदिरा नगर के नाम से जाना जाता है. यहां के आधे परिवार भूमि के पट्टे का दावा कर रहे हैं. इस क्षेत्र में 4 सरकारी स्कूल, 11 निजी स्कूल, एक बैंक, दो ओवरहेड पानी के टैंक, 10 मस्जिद और चार मंदिर हैं.