सूडान की स्वतंत्र सैन्य परिषद के प्रमुख जनरल अब्दुल फत्ताह अल बरहान ने कहा कि फौज ने अपने अस्थाई सरकार के दौरान कई उद्देश्यों के लिए कोशिशें की थीं. उन्होंने कहा कि सैन्य और सुरक्षा बलों को संविधान और कानून के अनुसार निर्वाचित सरकार के अधीन होना चाहिए.
राजधानी खार्तूम में आयोजित राजनीतिक फ्रेम वर्क में हस्ताक्षर समारोह में बोलते हुए, जनरल अब्दुल फत्ताह अल-बरहान ने कहा कि सेना को राजनीति में घसीटने या किसी पार्टी या समूह या विचारधारा का समर्थन करने से रोका जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि सैन्य और सुरक्षा बलों को कुछ व्यक्तिगत, राजनीतिक, समूह या आदिवासी एजेंडे को पूरा करने के लिए अपनी शक्तियों का उपयोग करने से बचना चाहिए.
जनरल अब्दुल फ़त्ताह अल-बरहान ने कहा कि सशस्त्र बलों को सिविलियन सरकार को मान्यता देकर अपने पेशेवर कर्तव्यों का पालन करना चाहिए, और राजनीतिक टकरावों के दौरान सशस्त्र बलों को हमेशा तटस्थ रहना चाहिए.
उन्होंने कहा कि सेना को सीमाओं की रक्षा और विदेशी आक्रमण को रोकने पर ध्यान देना चाहिए. व्यापक सुरक्षा नीति विकसित करके देश की विदेश नीति का समन्वय करना नागरिक सरकार की एकमात्र जिम्मेदारी है.
जनरल अब्दुल फत्ताह अल बुरहान ने कहा कि नागरिक सरकार को सशस्त्र बलों के तकनीकी मामलों में दखल देने से बचना चाहिए.