हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ जमीन पर बसी गफूर बस्ती के अतिक्रमण मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है. सर्वोच्च अदालत ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें हाई कोर्ट ने गफूर बस्ती में 8 जनवरी तक अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से बस्ती में रहने वाले करीब 50 हजार लोगों को राहत मिली है. शीर्ष अदालत के इस आदेश के बाद 4000 से अधिक परिवारों के आशियानों को फिलहाल नहीं उजाड़ा जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस भेजते हुए उत्तराखंड सरकार और रेलवे से इस मामले पर जवाब भी मांगा है. कोर्ट ने कहा कि रातों रात आप 50 हजार लोगों को नहीं हटा सकते. यह एक मानवीय मामला है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें कोई व्यावहारिक समाधान ढूंढना होगा. समाधान का यह तरीका हरगिज सही नहीं है. जमीन की प्रकृति, अधिकारों की प्रकृति, मालिकाना हक की प्रकृति आदि से उत्पन्न होने वाले कई कोण हैं, जिनकी जांच होनी चाहिए. इन्हें हटाने के लिए केवल एक सप्ताह का समय काफी कम है. पहले उनके पुनर्वास पर विचार होना चाहिए.
बता दें कि जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस. ओक की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी. अब अगली सुनवाई सात फरवरी को होगी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौराना गफूर बस्ती में दुआओं का दौर शुरू हो गया था. सड़क पर सैकड़ों की संख्या में बैठकर महिलाएं अपने हक में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने की दुआ कर रही थींं. अब इनकी दुआएं कुबूल हो गई हैं.