Monday, December 23, 2024
होमताज़ातरीनसुप्रीम कोर्ट ने कहा- रातों रात नहीं हटाए जा सकते 50 हजार...

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- रातों रात नहीं हटाए जा सकते 50 हजार लोग, रेलवे-उत्तराखंड सरकार को भेजा नोटिस

हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ जमीन पर बसी गफूर बस्ती के अतिक्रमण मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है. सर्वोच्‍च अदालत ने उत्‍तराखंड हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें हाई कोर्ट ने गफूर बस्‍ती में 8 जनवरी तक अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से बस्‍ती में रहने वाले करीब 50 हजार लोगों को राहत मिली है. शीर्ष अदालत के इस आदेश के बाद 4000 से अधिक परिवारों के आशियानों को फिलहाल नहीं उजाड़ा जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस भेजते हुए उत्तराखंड सरकार और रेलवे से इस मामले पर जवाब भी मांगा है. कोर्ट ने कहा कि रातों रात आप 50 हजार लोगों को नहीं हटा सकते. यह एक मानवीय मामला है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें कोई व्यावहारिक समाधान ढूंढना होगा. समाधान का यह तरीका हरगिज सही नहीं है. जमीन की प्रकृति, अधिकारों की प्रकृति, मालिकाना हक की प्रकृति आदि से उत्पन्न होने वाले कई कोण हैं, जिनकी जांच होनी चाहिए. इन्हें हटाने के लिए केवल एक सप्ताह का समय काफी कम है. पहले उनके पुनर्वास पर विचार होना चाहिए.

बता दें कि जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस. ओक की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी. अब अगली सुनवाई सात फरवरी को होगी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौराना गफूर बस्‍ती में दुआओं का दौर शुरू हो गया था. सड़क पर सैकड़ों की संख्‍या में बैठकर महिलाएं अपने हक में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने की दुआ कर रही थींं. अब इनकी दुआएं कुबूल हो गई हैं.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
RELATED ARTICLES

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Most Popular

Recent Comments