Friday, December 27, 2024
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विश्व रैंकिंग में डीयू, जेएनयू और जेएमआई

 

अखिलेश अखिल

 

लंदन स्थित वैश्विक उच्च शिक्षा विश्लेषक क्वाक्वेरेली साइमंड्स (क्यूएस) ने बृहस्पतिवार को दुनिया के सबसे अधिक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों की रैंकिंग जारी की, जिसमें बेंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) को दक्षिण एशिया का सबसे तेजी से उभरता हुआ विश्वविद्यालय बताया गया है. क्यूएस की ओर से जारी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में भारत के चार आईआईटी संस्थानों ने भी दुनिया के शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों की सूची में जगह बनायी है.

क्यूएस रैंकिंग की इस सूची में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(आईआईटी)-बॉम्बे ने पांच पायदान की छलांग लगाते हुए 172वां स्थान हासिल किया है. आईआईटी-बॉम्बे को भारत का दूसरा सबसे अच्छा संस्थान बताया गया है जबकि आईआईटी- दिल्ली ने 11 स्थान ऊपर चढ़कर 174वां स्थान हासिल किया है. आईआईटी-कानपुर ने 13 पायदान ऊपर चढ़कर इस रैंकिंग के इतिहास में अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ 264वां स्थान हासिल किया है. जबकि आईआईटी-रुड़की 31 स्थानों की छलांग लगाते हुए अपने उच्चतम रैंक (369) पर पहुंच गया है.

रैंकिंग के अनुसार ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी लगातार तीसरे साल क्यूएस की इस सूची में सर्वोच्च रैंक हासिल करने वाला निजी विश्वविद्यालय है. कुल 41 भारतीय विश्वविद्यालयों ने क्यूएस रैंकिंग की सूची में स्थान प्राप्त किया है, जिनमें 12 के रैंक में सुधार हुआ है, 12 की रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं हुआ, 10 संस्थानों के रैंक में गिरावट आई, जबकि देश के सात विश्वविद्यालय पहली बार इस सूची में अपनी जगह बनाने में कामयाब हुए हैं.

रैंकिंग के अनुसार, 13 भारतीय विश्वविद्यालयों ने अन्य वैश्विक प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले अपने शोध प्रभाव में सुधार किया है. वहीं, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया जैसे देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों की क्यूएस रैंकिंग में गिरावट आई है. दिल्ली विश्वविद्यालय को इस बार की क्यूएस रैंकिंग की सूची में 521-530 स्थान की श्रेणी में रखा गया है जबकि पिछली बार इसे 501-510 स्थान की श्रेणी में रखा गया था.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय को इस बार की क्यूएस रैंकिंग की सूची में 601-650 स्थान की श्रेणी में रखा गया है. जबकि पिछली बार इसे 561-570 स्थान की श्रेणी में रखा गया था. जामिया मिलिया इस्लामिया को इस बार की क्यूएस रैंकिंग की सूची में 801-1000 स्थान की श्रेणी में रखा गया है जबकि पिछली बार इसे 751-800 स्थान की श्रेणी में रखा गया था.

इसके अलावा जामिया हमदर्द को 1201-1400 स्थान की श्रेणी में रखा गया है. इसके अलावा हैदराबाद विश्वविद्यालय, जादवपुर विश्वविद्यालय और आईआईटी- भुवनेश्वर की रैंकिंग में भी गिरावट दर्ज की गयी है.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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