Thursday, December 26, 2024
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राहुल गांधी की जयपुर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस बहुत कुछ कहती है…..

राहुल गाँधी की जयपुर प्रेस कॉन्फ्रेंस बहुत कुछ कहती है. राहुल ने कहा कि चीन युद्ध की लगातार तैयारी कर रहा है, जबकि भारत सरकार पूरी तरह से सोई हुई है. सरकार चीन की तैयारियों की जानकारी देश से छुपा रही है. भारत सरकार रणनीतिक रूप से काम नहीं करती है, यह एक घटना के आधार पर काम करती है. जब भू-राजनीति की बात आती है, तो वहां घटनाएं काम नहीं करती हैं. विदेश मंत्री के बयान आते रहते हैं, लेकिन उन्हें अपनी समझ को और गहरा करने की जरूरत है. बता दें कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत जोड़ो यात्रा जयपुर पहुँच गई है. यात्रा के सौ दिन पूरे हो गए हैं.

राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान यह कहते हुए आश्चर्य व्यक्त किया कि कोई भी चीन पर सवाल नहीं पूछ रहा है. उन्होंने कहा कि चीन ने 2 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर 20 भारतीय जवानों को शहीद कर दिया. चीनी सेना अरुणाचल प्रदेश में हमारे जवानों को पीट रही है, लेकिन मीडिया खामोश है और एक भी सवाल नहीं पूछ रहा है. हालांकि बाद में मीडिया द्वारा उठाए गए एक सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार सोई हुई है, चीन युद्ध की तैयारी कर रहा है.

गुजरात के चुनाव परिणाम पर राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी के चुनाव जीतने के कई कारण हैं. उनके पास बहुत पैसा है, वो लोगों को धमकाते हैं. हम ऐसा नहीं करते हैं, और हमारे पास ये संसाधन नहीं हैं. हमारे पास इतना पैसा नहीं है. बीजेपी के सत्ता में आने का एक और कारण यह है कि वह नफरत फैलाते हैं, वह देश को विभाजित करते हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी की सोच साफ है. जिस दिन कांग्रेस समझ जाएगी कि वह क्या है, उस दिन कांग्रेस हर चुनाव जीत जाएगी. क्षेत्रीय दल के पास देश का विजन नहीं है. क्षेत्रीय दल जाति, वर्ग, राज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं.

कांग्रेस में गुटबाजी के सवाल पर बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि हमारी पार्टी में कोई तानाशाही नहीं है. कांग्रेस में बयानबाजी होती रहती है और छोटी-मोटी चर्चा होती रहती है, जो अच्छी बात है. राजस्थान ही नहीं, दूसरे राज्यों में भी ऐसा होता है. सामान्य विचारधारा यह है कि यदि पार्टी के लोग बोलना चाहते हैं, तो उन्हें डरा-धमकाकर चुप नहीं कराया जाना चाहिए.

यह पूछे जाने पर कि अगला चुनाव किसके नेतृत्व में होगा, राहुल गांधी ने इस सवाल को टाल दिया और कहा कि यह सवाल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से पूछा जाना चाहिए. वह अध्यक्ष हैं, मैं नहीं. राजनीतिक बगावत पर तीन नेताओं को नोटिस के बाद असमंजस के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि असमंजस की कोई स्थिति नहीं है. पार्टी में ऐसा होता रहता है.

राहुल गांधी ने कहा कि यात्रा से उन्हें निजी तौर पर काफी फायदा हुआ है. मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला है. जनता से मेरी थोड़ी दूरी थी, वो खत्म हो गई है. उन्होंने कहा कि नेताओं और जनता के बीच खाई पैदा हो गई है. मैंने सोचा कि जनता और नेता के बीच की खाई खत्म होनी चाहिए. यह दर्द की खाई है. यात्रा का उद्देश्य भी जनता के दर्द को समझना था. मुझे जनता का बहुत प्यार मिला है, मैं आपको समझा नहीं सकता. हमारी यात्रा राजनीति करने का एक और तरीका है. यह गांधी जी का तरीका है, और इसे राजस्थान में सबसे अच्छी प्रतिक्रिया मिली है. उन्होंने कहा कि कन्याकुमारी से लेकर राजस्थान तक एक बात समझ में आ गई है कि हमारे कार्यकर्ताओं की कोई कमी नहीं है, लोग कांग्रेस पार्टी को प्यार करते हैं.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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