अंज़रुल बारी
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बीजेपी जहां अपना गुना भाग कर रही है वही नीतीश कुमार और तेलंगाना के मख्यमंत्री केसीआर ने बीजेपी की परेशानी को बढ़ा दिया है. नेताओं के बदलते मूड और सियासी खेल से बीजेपी भी अलर्ट हो गई है. सोमवार देर रात बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह के बीच राष्ट्रपति पद पर जीत को सुनिश्चित करने के लिए रणनीति पर चर्चा हुई. रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति चुनाव से पहले हो रहे राज्यसभा चुनाव को लेकर भी दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर 4 घंटे तक बैठक चली, जिसमें सहयोगियों को जोड़ने से लेकर कैंडिडेट पर एक राय बनाने पर चर्चा हुई. वर्तमान में बीजेपी नेतृत्व एनडीए के पास 48.9% और विपक्ष के पास 51.1% वोट है. ऐसे में अगर विपक्षी दल एकजुट हो गए, तो 2024 से पहले मुश्किलें बढ़ सकती है.
सूत्रों के मुताबिक ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और आंध्र प्रदेश के सीएम जगनमोहन रेड्डी को बीजेपी राष्ट्रपति चुनाव में साथ लाने की तैयारी कर रही है. अगर, दोनों में से कोई भी समर्थन कर देता है, तो एनडीए का राष्ट्रपति फिर से बन सकता है. सूत्रों के अनुसार ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक से संपर्क साधने का जिम्मा रेल मंत्री अश्विणी वैष्णव और आंध्र प्रदेश के सीएम से संपर्क साधने का जिम्मा जीवीएल नरसिम्हा को सौंपा गया है.
बता दें कि वर्ष 2012 में एनडीए में रहते हुए नीतीश कुमार ने यूपीए उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी को समर्थन दिया था. वहीं 2017 के चुनाव में महागठबंधन में रहते हुए नीतीश ने एनडीए कैंडिडेट रामनाथ कोविंद को सपोर्ट किया था. पिछले कुछ दिनों से नीतीश कुमार लगातार जातीय जनगणना समेत कई मुद्दों पर एक्टिव हैं. सूत्रों के अनुसार इन सब वजहों को देखते हुए बीजेपी के भीतर भी राष्ट्रपति चुनाव में नीतीश के साथ आने पर सस्पेंस है.
उधर ,तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर राष्ट्रपति चुनाव से पहले लगातार विपक्षी नेताओं को लामबंद करने में जुटे हैं. रविवार को वो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से मिले थे. केसीआर इससे पहले शरद पवार और हेमंत सोरेन से भी मिल चुके हैं. वो गैर-कांग्रेसी और गैर-बीजेपी कैंडिडेट उतारने के पक्ष में है. केसीआर इसको लेकर पूर्व पीएम देवगौड़ा और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात कर सकते हैं.